क्या वैश्विक अस्थिरता के बीच सरकारी क्षेत्र के बैंकों की स्थिति मजबूत है?

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क्या वैश्विक अस्थिरता के बीच सरकारी क्षेत्र के बैंकों की स्थिति मजबूत है?

सारांश

वैश्विक अस्थिरता के दौरान सरकारी बैंकों के मार्केटकैप में वृद्धि और निजी बैंकों की स्थिति में गिरावट पर गहरी नज़र। जानिए क्या यह संकेत है कि सरकारी बैंकों की स्थिति में सुधार हो रहा है?

Key Takeaways

  • सरकारी बैंकों का मार्केटकैप बढ़ा है।
  • निजी बैंकों का मार्केटकैप घटा है।
  • आरबीआई ने जीडीपी अनुमान बढ़ाया है।
  • आर्थिक सुधारों का सरकारी बैंकों पर सकारात्मक प्रभाव।
  • ग्रामीण आय में वृद्धि का संकेत।

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद सरकारी क्षेत्र के बैंकों की स्थिति ने मजबूती दिखाई है और जुलाई-सितंबर तिमाही में पब्लिक सेक्टर बैंक (पीएसबी) का मार्केटकैप बढ़ा है। दूसरी ओर, इसी अवधि में निजी क्षेत्र के बैंकों का मार्केटकैप घटा है। यह जानकारी सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दी गई।

एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर अवधि में एचडीएफसी बैंक का मार्केटकैप 4.8 प्रतिशत घटा, जबकि आईसीआईसीआई बैंक के मार्केटकैप में 6.7 प्रतिशत की कमी आई है।

इन दोनों निजी बैंकों के मार्केटकैप में अप्रैल-जून तिमाही में मजबूती देखी गई थी, जो कि केंद्रीय बैंक द्वारा लिक्विडिटी बढ़ाने और रेट कट करने का परिणाम था।

अन्य निजी बैंकों जैसे कोटक महिंद्रा बैंक और एक्सिस बैंक के मार्केटकैप में भी जुलाई-सितंबर तिमाही में गिरावट आई है।

निजी इंडसइंड बैंक ने तीसरी तिमाही में सबसे खराब प्रदर्शन किया, जिसमें बाजार पूंजीकरण में 15.7 प्रतिशत की कमी आई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि शीर्ष सात बैंकों ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी बाजार पूंजीकरण रैंकिंग को बनाए रखा है।

वहीं, सरकारी क्षेत्र के बैंकों के मार्केटकैप में जुलाई-सितंबर तिमाही में वृद्धि हुई है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के मार्केटकैप में सितंबर तिमाही में 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मार्केटकैप में 3.9 प्रतिशत और पंजाब नेशनल बैंक के मार्केटकैप में 2.1 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है।

केनरा बैंक के मार्केटकैप में 8.3 प्रतिशत और इंडियन बैंक के मार्केटकैप में 16.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

सरकार ने पिछले महीने घरेलू वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें घटाई हैं और आशा है कि आने वाले त्योहारी मांग और सामान्य बारिश से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, जिससे ग्रामीण आय में वृद्धि होगी।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी मार्च 2026 में समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए अपने जीडीपी अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकारी बैंकों की मजबूती इस समय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। निजी बैंकों की गिरती स्थिति चिंता का विषय है, लेकिन सरकारी बैंकों की वृद्धि से आर्थिक स्थिरता में सुधार हो सकता है।
NationPress
06/10/2025

Frequently Asked Questions

सरकारी बैंकों के मार्केटकैप में वृद्धि का क्या कारण है?
सरकारी बैंकों के मार्केटकैप में वृद्धि का मुख्य कारण उनकी स्थिरता और सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधार हैं।
निजी बैंकों की स्थिति में गिरावट क्यों आई?
निजी बैंकों की स्थिति में गिरावट का कारण बाजार में अस्थिरता और उनके वित्तीय प्रदर्शन में कमी है।
क्या आने वाले समय में सरकारी बैंकों की स्थिति और मजबूत होगी?
अगर वर्तमान आर्थिक नीतियां सफल होती हैं, तो सरकारी बैंकों की स्थिति और मजबूत हो सकती है।