क्या सेबी ने सेटलमेंट एप्लीकेशन में वृद्धि दर्ज की है, वित्त वर्ष 25 में 860 करोड़ रुपए से अधिक एकत्र किए?

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क्या सेबी ने सेटलमेंट एप्लीकेशन में वृद्धि दर्ज की है, वित्त वर्ष 25 में 860 करोड़ रुपए से अधिक एकत्र किए?

सारांश

सेबी ने वित्त वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व संख्या में सेटलमेंट एप्लीकेशन प्राप्त की, जो दर्शाती है कि कंपनियां विवादों का समाधान बिना लंबी अदालतों की लड़ाई के चाहती हैं। जानिए सेबी ने कितने बकाए और अपीलों का निपटारा किया!

Key Takeaways

  • सेबी ने 703 सेटलमेंट याचिकाएं प्राप्त कीं।
  • निपटान शुल्क के रूप में 798.87 करोड़ रुपए एकत्र किए।
  • 73 प्रतिशत अपीलें खारिज की गईं।
  • डीटीआर बकाया 77,800 करोड़ रुपए हो गया।
  • कंपनियाँ विवादों का समाधान अदालतों के बजाय सेबी के माध्यम से करना पसंद कर रही हैं।

मुंबई, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को वित्त वर्ष 2024-25 में अभूतपूर्व संख्या में सेटलमेंट एप्लीकेशन प्राप्त हुए हैं, जो दर्शाते हैं कि कंपनियां बिना लंबी अदालतों की लड़ाई के विवादों का समाधान करना चाहती हैं।

सेबी की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, नियामक ने 703 सेटलमेंट याचिकाएं प्राप्त कीं, जो पिछले वित्त वर्ष की 434 याचिकाओं की तुलना में काफी अधिक है।

इनमें से 284 याचिकाओं का निपटान आदेशों के माध्यम से किया गया, जबकि अन्य 272 को खारिज, वापस या लौटाया गया।

निपटान के माध्यम से, सेबी ने निपटान शुल्क के रूप में 798.87 करोड़ रुपए और वापसी शुल्क के रूप में 64.84 करोड़ रुपए एकत्र किए।

निपटान प्रक्रिया, प्रतिभूति कानूनों का उल्लंघन करने वाले कंपनियों और व्यक्तियों को अदालत में मामला लड़ने के बजाय, शुल्क का भुगतान कर और कुछ शर्तों को पूरा करके मामलों को समाप्त करने की अनुमति देती है।

इन मामलों में उल्लंघनों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल थी, जैसे कि इनसाइडर ट्रेडिंग, धोखाधड़ीपूर्ण ट्रेडिंग, वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), म्यूचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई)।

निपटान मामलों के साथ-साथ, सेबी ने वर्ष के दौरान बड़ी संख्या में अपीलों का भी निपटारा किया।

2024-25 में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) के समक्ष कुल 533 नई अपीलें दायर की गईं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 821 थी।

इनमें से 422 अपीलों का निपटारा किया गया, जिनमें से अधिकांश को खारिज कर दिया गया।

लगभग 73 प्रतिशत अपीलें खारिज की गईं, 5 प्रतिशत को अनुमति दी गई, 10 प्रतिशत को संशोधनों के साथ बरकरार रखा गया, 5 प्रतिशत को वापस भेजा गया और 7 प्रतिशत वापस ले ली गईं।

इनमें से अधिकांश अपीलें लगभग 62 प्रतिशत धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध विनियम, 2003 के उल्लंघन से संबंधित थीं।

इस दौरान, सेबी का डिफिकल्ट-टू-रिकवर (डीटीआर) बकाया 2024-25 में बढ़कर 77,800 करोड़ रुपए हो गया, जबकि मार्च 2024 के अंत में यह 76,293 करोड़ रुपए था।

व्यापक वसूली प्रयासों के बावजूद ये बकाया पेंडिंग हैं। सेबी ने स्पष्ट किया कि इन्हें डीटीआर के रूप में वर्गीकृत करना एक प्रशासनिक उपाय है और परिस्थितियों में बदलाव होने पर वसूली अधिकारियों को इन पर कार्रवाई करने से नहीं रोकता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सेबी का यह कदम न केवल वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि उद्योग में विश्वास भी स्थापित करता है। यह प्रक्रिया न्यायिक प्रणाली पर भार कम करती है और कंपनियों को विवादों का त्वरित समाधान प्राप्त करने का अवसर देती है।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

सेबी क्या है?
सेबी, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड है, जो वित्तीय बाजारों के नियमन का कार्य करता है।
सेटलमेंट एप्लीकेशन का क्या लाभ है?
सेटलमेंट एप्लीकेशन के माध्यम से कंपनियाँ विवादों को बिना लंबी मुकदमेबाजी के सुलझा सकती हैं, जिससे समय और लागत की बचत होती है।