क्या शनिवारवाड़ा में नमाज पढ़ने वाली महिलाओं का समर्थन करते हैं एआईएमआईएम?

Click to start listening
क्या शनिवारवाड़ा में नमाज पढ़ने वाली महिलाओं का समर्थन करते हैं एआईएमआईएम?

सारांश

पुणे के शनिवारवाड़ा में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने के समर्थन में एआईएमआईएम नेता वारिस पठान का बयान, भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप, और संविधान के अधिकारों की बात। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है।
  • एआईएमआईएम का समर्थन महिलाओं के धार्मिक अधिकारों को दर्शाता है।
  • सहिष्णुता और आपसी समझ की आवश्यकता है।

पुणे, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पुणे के शनिवारवाड़ा में मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने का एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुख्य कार्य नफरत फैलाना है। आईएमआईएम नेता ने कहा कि यदि उन महिलाओं ने नमाज अदा की, तो इसमें कौन सी बड़ी बात है? हमारा संविधान हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है।

उन्होंने कहा कि आर्टिकल 25 इसका प्रावधान करता है। हमारे हिंदू भाई-बहन भी तो एयरपोर्ट पर गरबा करते हैं। सभी को अपने त्योहार मनाने का अधिकार है। भाजपा के नेताओं का मानसिकता का शुद्धिकरण होना चाहिए, क्योंकि उनके मन में केवल नफरत भरी है।

नितेश राणे द्वारा हाजी अली में हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ने के बयान पर वारिस पठान ने कहा कि वह मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे बयान देते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य मुसलमानों को गाली देना है। राज्य सरकार ने उन्हें मंत्री बनाकर इस कार्य के लिए पुरस्कार दिया है।

बिहार चुनाव पर एआईएमआईएम नेता ने कहा कि हमने बिहार में 25 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। बिहार को एआईएमआईएम नेता के रूप में एक नया विकल्प मिला है। हमने महागठबंधन से केवल 6 सीटें मांगी थीं, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया सुनने लायक नहीं थी।

इससे पहले एआईएमआईएम के महाराष्ट्र अध्यक्ष और सांसद इम्तियाज जलील ने शनिवारवाड़ा विवाद पर भाजपा को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि पुणे के भाजपा के एक बड़े नेता पर 300 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला चल रहा है और इस विवाद से ध्यान भटकाने के लिए नमाज का मुद्दा उठाया गया है।

जलील ने आरोप लगाया कि पुणे की राज्यसभा सदस्य मेधा कुलकर्णी ने जानबूझकर इस विवाद को भड़काया। उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा में स्थित दरगाह बहुत पुरानी है और 60 साल से अधिक उम्र के लोग इसकी ऐतिहासिकता की पुष्टि करते हैं।

सांसद इम्तियाज जलील ने यह भी कहा कि समाज को उन महिलाओं से सबक लेना चाहिए जिन्होंने दो मिनट नमाज अदा की। "अगर बुर्का पहनी महिलाओं ने दो मिनट नमाज पढ़ ली, तो इसमें क्या गुनाह है?" उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने दबाव में आकर इन महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

Point of View

NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या संविधान महिलाओं को नमाज पढ़ने का अधिकार देता है?
हाँ, संविधान के आर्टिकल 25 के तहत हर व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।
क्या एआईएमआईएम नेता का बयान सही है?
एआईएमआईएम नेता वारिस पठान का बयान इस संदर्भ में महत्वपूर्ण है कि समाज में सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।
भाजपा पर क्या आरोप हैं?
भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप है, और इसे ध्यान भटकाने के लिए नमाज विवाद उठाने का प्रयास बताया जा रहा है।