क्या वांग यी ने शी चिनफिंग की यात्रा का परिचय दिया?
सारांश
Key Takeaways
- शी चिनफिंग की यात्रा ने एशिया-प्रशांत सहयोग को प्रोत्साहित किया।
- दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों में सुधार के प्रयास।
- खुले सहयोग पर जोर दिया गया।
- चीन और अमेरिका के बीच मुलाकात हुई।
- 15वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सुधार को गहराने का वादा।
बीजिंग, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक एपेक नेताओं की 32वीं अनौपचारिक बैठक में भाग लिया और दक्षिण कोरिया की राजकीय यात्रा की। यात्रा समाप्त होने के बाद चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने संबंधित जानकारी का परिचय दिया।
वांग यी ने कहा कि यह यात्रा चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं केंद्रीय समिति का चौथा पूर्णाधिवेशन समाप्त होने के बाद राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वपूर्ण राजनयिक कार्यवाही है। तीन दिनों में शी चिनफिंग ने 10 से अधिक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय गतिविधियों में भाग लिया। इससे एशिया-प्रशांत सहयोग का नेतृत्व किया गया, बड़े देश की जिम्मेदारी दिखाई गई, पड़ोसी देशों के बीच मित्रता मजबूत की गई और चीनी शैली का परिचय दिया गया। इस तरह उनकी यात्रा सफल रही।
वांग यी ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एपेक बैठक में दो बार महत्वपूर्ण भाषण दिए। उनके भाषण में खुले सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया और एशिया-प्रशांत साझे भविष्य वाले समुदाय को बढ़ावा दिया गया। यात्रा के दौरान चीन और अमेरिका के शीर्ष नेताओं ने मुलाकात की। इससे शी चिनफिंग के आत्मविश्वास, धैर्य और जिम्मेदारी की भावना दिखाई गई।
वांग यी ने कहा कि 11 साल के बाद शी चिनफिंग ने फिर एक बार दक्षिण कोरिया की यात्रा की। इससे चीन और दक्षिण कोरिया के बीच व्यवहारिक सहयोग बढ़ाया जाएगा। चीन-दक्षिण कोरिया संबंधों में सुधार मूल्यवान है। दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंध मजबूत करने चाहिए।
वांग यी ने यह भी कहा कि यात्रा के दौरान शी चिनफिंग ने मुलाकात, भाषण और लिखित भाषण से जरिए सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन की भावना पर प्रकाश डाला। 15वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान चीन लगातार सुधार को समग्र तौर पर गहराएगा, खुलेपन का विस्तार करेगा, उचित आर्थिक वृद्धि बढ़ाएगा और मानव जाति के व्यापक विकास व नागरिकों के समान समृद्धि को बढ़ावा देगा। इससे चीन और विश्व के बीच सहयोग के लिए व्यापक संभावनाएं खुलेंगी।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)