क्या शिक्षा में भारतीयता का भाव लाने के लिए बदलाव जरूरी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति को पुनर्स्थापित करने का एक बड़ा कदम है।
- कांग्रेस शासन के दौरान भारतीयता का भाव लगभग समाप्त हो गया था।
- योग के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का विकास किया गया है।
- विश्वविद्यालयों के नाम बदलने का उद्देश्य इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करना है।
- सरकार कफ सिरप कांड में जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।
इंदौर, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि राज्य की नई शिक्षा नीति भारतीय संस्कृति, सभ्यता और गौरव को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। कांग्रेस के शासन के दौरान पाठ्यक्रम से भारत की संस्कृति और परंपरा को इस प्रकार हटा दिया गया कि बच्चों में भारतीयता का भाव लगभग समाप्त हो गया था। अब हमारी सरकार ने ऐसे बदलाव किए हैं जिनसे आने वाली पीढ़ी अपने देश और पूर्वजों पर गर्व महसूस कर सके।
मंत्री परमार बुधवार को इंदौर स्थित गोविंद राम कॉलेज में आयोजित ‘उड़ान कार्यक्रम’ में शामिल होने पहुंचे थे। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि आयुष विभाग ने योग को लेकर एक विशेष मोबाइल एप्लिकेशन तैयार किया है। इसके माध्यम से जो लोग योग सीखना या उससे जुड़ना चाहते हैं, वे ऑनलाइन माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं।
परमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सुधारों की गंभीरता और उद्देश्य को समझने में असफल रही है। हमारे द्वारा किए गए परिवर्तन किसी भी शिक्षाविद ने सवालों के घेरे में नहीं रखे हैं। बदलाव इसलिए आवश्यक हैं ताकि भारत की शिक्षा भारतीय मूल्यों के अनुरूप हो सके।
परमार ने कहा कि यह हिंदू या मुस्लिम का प्रश्न नहीं है। हम सिर्फ यह देख रहे हैं कि जिस व्यक्ति के नाम पर कोई संस्थान या मार्ग है, उसका भारत की आजादी और समाज के लिए क्या योगदान रहा है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय रखा गया है। ऐसे बदलावों का उद्देश्य इतिहास को सही रूप में प्रस्तुत करना और नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से परिचित कराना है।
छिंदवाड़ा में कफ सिरप कांड पर पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्री परमार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर है। जो भी व्यक्ति या संस्था इस घटना के लिए जिम्मेदार है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। जांच एजेंसियां पूरी तत्परता से काम कर रही हैं और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
इंदर सिंह परमार ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति इन तीनों क्षेत्रों में ऐसे सुधार कर रही है जो नई पीढ़ी को आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करेंगे।