क्या शिल्पा राव की सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात ने झारखंड को गौरवान्वित किया?

सारांश
Key Takeaways
- शिल्पा राव ने झारखंड का नाम रोशन किया है।
- यह पुरस्कार झारखंड के लिए गर्व की बात है।
- शिल्पा राव ने अपने सफर को साझा किया।
- इससे झारखंड की बेटियों को प्रेरणा मिलेगी।
- उनकी गायकी की विशेषता भावनाओं की गहराई है।
रांची, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायिका के पुरस्कार से सम्मानित झारखंड की बेटी और बॉलीवुड गायिका शिल्पा राव ने बुधवार को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से उनके आवासीय कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की। सीएम हेमंत सोरेन ने मुलाकात की फोटो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा की।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिल्पा राव को इस उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। आपकी उपलब्धियां झारखंड की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत होंगी।
उन्होंने कहा, "आपको मिला यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे राज्य का भी सम्मान है।"
मुख्यमंत्री ने शिल्पा राव को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर शिल्पा राव के माता-पिता भी उपस्थित रहे। शिल्पा ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने गायन करियर की शुरुआत से लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार तक की यात्रा साझा की।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उनके लिए गर्व का क्षण है और इसे उन्होंने अपने प्रशंसकों, संगीत जगत और झारखंड की धरती को समर्पित किया है।
शिल्पा राव ने कहा कि उनकी इस उपलब्धि से झारखंड की बेटियों को यह संदेश मिलेगा कि पूरी निष्ठा के साथ मेहनत की जाए तो कला और संगीत की दुनिया में राष्ट्रीय पहचान हासिल करना संभव है।
जमशेदपुर में जन्मीं शिल्पा राव ने ‘जवान’ फिल्म के गीत 'चलेया' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। उन्हें मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह सम्मान प्राप्त हुआ। यह पहली बार है जब झारखंड के किसी कलाकार को पार्श्वगायन के क्षेत्र में इतना बड़ा सम्मान मिला है।
शिल्पा राव, जिनका असली नाम अपेक्षा राव है, ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता एस. वेंकट राव से प्राप्त की और बाद में उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से प्रशिक्षण लिया। उन्होंने करियर की शुरुआत विज्ञापन जिंगलों से की थी और 2007 में फिल्म 'वो अजनबी' के साथ हिंदी सिनेमा में कदम रखा।
इसके बाद 'खुदा जाने', 'मलंग', 'मेहरबान', और 'घुंघरू' जैसे लोकप्रिय गीतों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी गायकी की विशेषता भावनाओं की गहराई और अनूठी शैली है, जिसने उन्हें समकालीन गायिकाओं में विशिष्ट स्थान दिलाया।