क्या सिंह संक्रांति 2025 में सूर्य देव का सिंह राशि में प्रवेश शुभ रहेगा?

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क्या सिंह संक्रांति 2025 में सूर्य देव का सिंह राशि में प्रवेश शुभ रहेगा?

सारांश

सिंह संक्रांति 2025 का पर्व 17 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव का सिंह राशि में प्रवेश होने जा रहा है, जो आत्मबल और ऊर्जा के लिए विशेष शुभ माना जाता है। जानें इस दिन के महत्व और विशेष योगों के बारे में।

Key Takeaways

  • सूर्य देव का सिंह राशि में प्रवेश आत्मबल को बढ़ाता है।
  • इस दिन दान-पुण्य करना विशेष फलदायी होता है।
  • स्नान और सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
  • अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से सफलता मिलती है।
  • इस दिन किए गए कार्य का फल बड़ा होता है।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (आईएनएस)। हिंदू पंचांग के अनुसार, जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उस दिन को 'संक्रांति' कहा जाता है। इस वर्ष, 17 अगस्त को सिंह संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव अपनी वर्तमान राशि कर्क से निकलकर अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश करेंगे। खास बात यह है कि यह संक्रांति रविवार को पड़ रही है, जो स्वयं सूर्य देव को समर्पित दिन है। ऐसे में यह संयोग बेहद शुभ माना जा रहा है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सिंह राशि में सूर्य देव का प्रवेश जीवन में ऊर्जा, आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला होता है। यह संक्रांति न केवल ज्योतिषीय रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी बहुत शुभ मानी जाती है।

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 17 अगस्त की रात 2 बजे सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन पुण्य काल सुबह 5 बजकर 24 मिनट से दोपहर 11 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। वहीं, महापुण्य काल सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 7 बजकर 33 मिनट तक है। इस दौरान गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान, सूर्य को अर्घ्य और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। यह जीवन में नई ऊर्जा को लाने वाला समय होता है। सूर्य जब अपनी ही राशि सिंह में होते हैं, तो व्यक्ति को नेतृत्व, आत्मबल और सम्मान की प्राप्ति होती है। यह दिन करियर, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े नए संकल्प लेने के लिए भी शुभ होता है। इस दिन किया गया हर छोटा कार्य भी बड़ा फल देता है।

इस बार सिंह संक्रांति पर पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और अभिजीत मुहूर्त का संयोग बन रहा है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:27 से 12:19 बजे तक रहेगा। ऐसे योगों में सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सेहत, सफलता और आत्मबल की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिंह संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा, मंत्र जाप, और दान करना बहुत पुण्यदायी होता है। इस दिन खासतौर पर लाल फूल, तांबा, गुड़, गेहूं और मसूर दाल का दान करना शुभ माना गया है। साथ ही, इस दिन 'ॐ आदित्याय नमः' या 'ॐ भास्कराय नमः' मंत्र का जप करने से आत्मिक शांति मिलती है।

Point of View

NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

सिंह संक्रांति का महत्व क्या है?
सिंह संक्रांति सूर्य देव के सिंह राशि में प्रवेश का दिन है, जो जीवन में ऊर्जा और आत्मबल लाने के लिए शुभ माना जाता है।
इस दिन कौन से कार्य शुभ होते हैं?
इस दिन स्नान, सूर्य को अर्घ्य देने और दान-पुण्य करने के कार्य विशेष रूप से शुभ होते हैं।
सिंह संक्रांति पर क्या दान करना चाहिए?
लाल फूल, तांबा, गुड़, गेहूं और मसूर दाल का दान करना शुभ माना जाता है।
इस दिन कौन सा मंत्र जपना चाहिए?
'ॐ आदित्याय नमः' या 'ॐ भास्कराय नमः' मंत्र का जप करना चाहिए।
सिंह संक्रांति कब मनाई जाएगी?
सिंह संक्रांति 17 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी।