क्या सोलहवें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी?
सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सोलहवें वित्त आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई।
- यह रिपोर्ट 2026-31 के लिए वित्तीय नीतियों का खाका तैयार करती है।
- आयोग ने विभिन्न विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करके रिपोर्ट तैयार की है।
- रिपोर्ट में करों के हस्तांतरण का फॉर्मूला भी शामिल है।
- यह रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत होने के बाद ही सार्वजनिक होगी।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोलहवें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें आयोग की रिपोर्ट सौंपी।
इस अवसर पर आयोग के सदस्य ऐनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, टी. रबी शंकर, डॉ. सौम्या कांति घोष और आयोग के सचिव ऋत्विक पाण्डेय भी उपस्थित थे। इसके बाद आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी इसकी एक प्रति सौंपी। यह रिपोर्ट केंद्र और राज्यों के बीच करों के हस्तांतरण का फॉर्मूला प्रदान करेगी।
राष्ट्रपति भवन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि सोलहवें वित्त आयोग के सदस्यों ने अपने अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और 2026-31 के लिए आयोग की रिपोर्ट प्रस्तुत की।
विचारार्थ विषयों (टीओआर) के अनुसार आयोग को एक अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच वर्षों की अवधि को शामिल करते हुए अपनी रिपोर्ट देने के लिए अधिदेश दिया गया था, जिसमें संघ और राज्यों के बीच करों की शुद्ध प्राप्तियों के वितरण के साथ-साथ राज्यों के बीच ऐसी प्राप्तियों के संबंधित हिस्सों के आबंटन, राज्यों को सहायता अनुदान, आपदा प्रबंधन पहलों के वित्तपोषण की व्यवस्था की समीक्षा आदि पर सिफारिशें की गई थीं।
तदनुसार, अपने कार्यकाल के दौरान, आयोग ने संघ और राज्यों के वित्त का विस्तार से विश्लेषण किया और संघ, राज्य सरकारों, विभिन्न स्तरों पर स्थानीय सरकारों, पिछले वित्त आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, बहुपक्षीय संस्थानों, आयोग की सलाहकार परिषद और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट दो खंडों में तैयार की गई है जिसमें खंड-I में विचारार्थ विषयों के अनुसार सिफारिशें शामिल हैं और खंड-II में अनुलग्नक दिए गए हैं।
यह रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा अनुच्छेद 281 के तहत संसद में प्रस्तुत किए जाने के उपरांत सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध होगी।