क्या एसपी सिंह बघेल ने बाढ़ग्रस्त गांवों का दौरा किया? किसानों की मांगों पर केंद्र को भेजेंगे रिपोर्ट

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ से पंजाब के 14 जिले प्रभावित हुए हैं।
- केंद्र सरकार ने 1,600 करोड़ रुपए की विशेष सहायता प्रदान की है।
- किसानों को राहत के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं।
- फसल बीमा योजना को लागू करने का आश्वासन दिया गया है।
- सामाजिक संस्थाएं राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
मोगा, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में बाढ़ के संकट के बीच केंद्रीय राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने मंगलवार को मोगा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर उन्होंने जीरो ग्राउंड पर स्थिति का आकलन किया और अधिकारियों को तत्काल राहत के निर्देश दिए।
गांव साफुवाला और उसके आसपास का दौरा करते हुए मंत्री बघेल ने देखा कि खेतों में न केवल रेत, बल्कि 5-6 फीट मोटी गाद भी जमी हुई है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गाद को हटाने के लिए किसानों को विशेष सहायता उपलब्ध कराई जाए, क्योंकि इससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और अगली फसल बोने में मुश्किल होगी।
उन्होंने यह भी कहा, "खेतों में इतनी गाद है कि किसानों को दो फसलें गंवानी पड़ सकती हैं। केंद्र सरकार इसके लिए भरपाई सुनिश्चित करेगी।" इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार के नाम मांग पत्र सौंपा, जिसको ध्यान में रखते हुए बघेल ने आश्वासन दिया कि वे इसे केंद्र को भेजेंगे और उचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रेस वार्ता में मंत्री ने केंद्र के राहत पैकेज के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया, "प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर स्थिति का आकलन किया और पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपए की विशेष सहायता जारी की। इसके अलावा, राज्य सरकार को 12,000 करोड़ रुपए के एसडीआरएफ फंड से तत्काल राहत देने के निर्देश दिए गए।"
मंत्री ने कहा, "केंद्र की फसल बीमा योजना लागू नहीं की गई, वरना नदी किनारे रहने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलता।" उन्होंने चेतावनी दी कि पानी उतरने के बाद समस्याएं और बढ़ेंगी, इसलिए राहत कार्य तेज करें।
मंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं की एक कमेटी भी गठित करने की घोषणा की, जो घर-घर जाकर दैनिक जरूरतों की वस्तुएं वितरित करेगी। उन्होंने सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं की सराहना की, जो राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
यह बताया गया है कि पंजाब में अगस्त के अंत से जारी बाढ़ ने तबाही मचाई है। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के उफान पर आने से 14 जिलों के 1,018 गांव प्रभावित हुए हैं, जहां 61,632 हेक्टेयर कृषि भूमि डूब गई। मोगा जिले में चार गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहां 4,000 से 6,000 एकड़ फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।