क्या पाकिस्तान को खेल और युद्ध के मैदान पर हमेशा हार का सामना करना पड़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- टीम इंडिया ने एशिया कप में छठी बार जीत हासिल की।
- पाकिस्तान को खेल और युद्ध दोनों में हार का सामना करना पड़ा है।
- नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में सरकार का संकल्प मजबूत है।
- सोशल मीडिया के युग में सच्चाई छुपाना संभव नहीं।
- हर जगह भारत की जीत का जश्न मनाया गया।
श्रीनगर, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपी वेद ने सोमवार को एशिया कप के फाइनल में टीम इंडिया की जीत पर बधाई दी। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चाहे खेल का मैदान हो या युद्ध का मैदान, पाकिस्तान को हर जगह मुंह की ही खानी पड़ती है। पाकिस्तान की किस्मत में जीत नहीं है। उसे हर जगह भारत के हाथों मुंह की ही खानी होगी।
उन्होंने कहा कि एशिया कप के फाइनल में जिस तरह से भारतीय टीम ने जीत हासिल की है, वह हम सभी के लिए खुशी का मौका है। यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। सभी के चेहरे पर खुशी और उत्साह का माहौल है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
उन्होंने आगे कहा कि टीम इंडिया की जीत के बाद श्रीनगर में दीवालीखुशी का मौका है।
वहीं, मैच के बाद पाकिस्तान की ओर से ट्रॉफी लेकर जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह उसकी पुरानी आदत है। पाकिस्तान अपनी हार स्वीकार नहीं कर पाता। वह इस बात को स्वीकार नहीं कर पाता है कि उसे टीम इंडिया के हाथों मुंह की ही खानी होगी। इतिहास इस बात का गवाह है कि खेल के मैदान से लेकर युद्ध के मैदान तक उसे हार का ही मुंह देखना पड़ा है। 1965 के युद्ध से लेकर 1999 के कारगिल युद्ध तक में उसे हार का मुंह ही देखना पड़ा है। अभी हाल ही में हमने देखा है कि किस तरह से हमारी भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत धूल चटाई। पाकिस्तान को इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि यह सोशल मीडिया का युग है और इस युग में पाकिस्तान ज्यादा दिनों तक पूरी दुनिया से सच्चाई छुपा नहीं पाएगा।
उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम अपने साथ ट्रॉफी लेकर गई है तो इसका मतलब यह थोड़ी नहीं हुआ कि वह जीत गई है। ट्रॉफी विजेता टीम की होती है और विजेता टीम इंडिया है। इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि पाकिस्तान को हराने में एक खास खुशी मिलती है।
इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प दोहराया है। इस पर एसपी वेद ने कहा कि मैंने पहली बार देखा है कि हमारे गृह मंत्री ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित की है, जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए। 90 फीसद से ज्यादा नक्सलवाद खत्म हो चुका है। हमारे गृह मंत्री ने यह संकल्प दोहराया है कि 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। हमें पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में इस दिशा में सफलता मिलेगी।