क्या पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने रक्षाबंधन पर भगवान जगन्नाथ की अद्भुत रेत मूर्ति बनाई?

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क्या पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने रक्षाबंधन पर भगवान जगन्नाथ की अद्भुत रेत मूर्ति बनाई?

सारांश

पुरी के समुद्र तट पर सुदर्शन पटनायक ने रक्षाबंधन पर भगवान जगन्नाथ की एक अनोखी रेत मूर्ति बनाई। यह न केवल कला का अद्भुत नमूना है, बल्कि यह देशभक्ति और स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने का भी संदेश देती है। जानें इस अद्वितीय कलाकृति के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • सुदर्शन पटनायक की रेत मूर्ति रक्षाबंधन पर बनी है।
  • यह मूर्ति भगवान जगन्नाथ को प्रदर्शित करती है।
  • मूर्ति में स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता का संदेश है।
  • यह रेत मूर्ति 6 फीट ऊँची है।
  • सुदर्शन पटनायक ने इसे कमल की पोशाक में सजाया है।

पुरी, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्व प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट और पद्मश्री सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने रक्षाबंधन के पावन अवसर पर एक बार फिर अपनी कला का जादू बिखेरा है।

उन्होंने पुरी के समुद्र तट पर भगवान जगन्नाथ की रेत से एक आकर्षक मूर्ति बनाई है, जो भक्ति, सांस्कृतिक गौरव और देशभक्ति का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। यह 6 फीट ऊंची रेत मूर्ति न केवल कला का उत्कृष्ट नमूना है, बल्कि एक सामाजिक संदेश भी समेटे हुए है।

इस खास कलाकृति में सुदर्शन पटनायक ने महाप्रभु जगन्नाथ को 'पद्मवेश' यानी कमल की पोशाक में खूबसूरती से चित्रित किया है। मूर्ति को राखी के रूपांकन में डिजाइन किया गया है, जो रक्षाबंधन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है।

इस रेत मूर्ति के साथ "जय जगन्नाथ" और "रक्षाबंधन की शुभकामनाएं" जैसे भावपूर्ण संदेश लिखे गए हैं, जो दर्शकों के मन को छूते हैं। इसके साथ ही, "स्वदेशी अपनाएं" का संदेश नागरिकों से स्थानीय उत्पादों का समर्थन करने की अपील करता है।

इस पहल के बारे में बात करते हुए सुदर्शन पटनायक ने कहा, "रक्षाबंधन के अवसर पर हमने महाप्रभु जगन्नाथ की एक अद्भुत रेत मूर्ति बनाई है। यह रेत मूर्ति मेरे लिए केवल एक कला नहीं, बल्कि भक्ति और देशभक्ति का एक माध्यम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के अपील को भी बढ़ावा देता है। यह हमें अपने देश में बनी वस्तुओं के उपयोग और प्रचार के लिए प्रोत्साहित करता है। रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर यह मूर्ति भाई-बहन के प्रेम के साथ-साथ स्वदेशी के प्रति जागरूकता का संदेश देती है।"

यह रेत मूर्ति पुरी समुद्र तट पर आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गई है। सुदर्शन पटनायक की यह कृति न केवल रक्षाबंधन के पवित्र बंधन को बल्कि स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा देती है।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक मुद्दों को भी उठाती है। उनकी रेत मूर्तियों के माध्यम से वह एक सशक्त संदेश देते हैं, जो हमें अपने देश और संस्कृति के प्रति जागरूक करता है। यह पहल रक्षाबंधन जैसे पवित्र त्योहार पर भाई-बहन के रिश्ते को भी मजबूत बनाती है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

सुदर्शन पटनायक कौन हैं?
सुदर्शन पटनायक एक प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट हैं, जिन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
भगवान जगन्नाथ की मूर्ति कितनी ऊंची है?
भगवान जगन्नाथ की रेत मूर्ति 6 फीट ऊंची है।
इस मूर्ति का क्या संदेश है?
यह मूर्ति भक्ति, देशभक्ति और स्वदेशी उत्पादों के प्रति जागरूकता का संदेश देती है।
यह रेत मूर्ति कहाँ बनाई गई है?
यह रेत मूर्ति पुरी के समुद्र तट पर बनाई गई है।
सुदर्शन पटनायक ने इस मूर्ति के बारे में क्या कहा?
सुदर्शन पटनायक ने कहा कि यह मूर्ति उनके लिए कला के साथ-साथ भक्ति और देशभक्ति का माध्यम है।