क्या विपक्ष के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी ने नामांकन भरा?

सारांश
Key Takeaways
- बी. सुदर्शन रेड्डी का नामांकन विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है।
- उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होंगे।
- उन्हें 80 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
- राजनीति में उनकी भूमिका संविधान के प्रति प्रतिबद्धता पर आधारित है।
- यह चुनाव लोकतंत्र की मूल्यों को मजबूत करने का अवसर है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी ने गुरुवार को शीर्ष विपक्षी नेताओं की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र प्रस्तुत किया।
न्यायमूर्ति सुदर्शन रेड्डी का सामना उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन से होगा, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल और तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।
जब न्यायमूर्ति रेड्डी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन दाखिल किया, तो कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एनसीपी के प्रमुख शरद पवार, डीएमके नेता और अन्य दलों के नेता उनके साथ उपस्थित रहे।
विपक्षी नेताओं का कहना है कि विभिन्न दलों के 80 सांसदों ने उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं।
अपना नामांकन दाखिल करने के बाद, न्यायमूर्ति रेड्डी ने एक बयान जारी कर सभी से उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि वे 'विनम्रता, जिम्मेदारी और संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता की गहरी भावना' के साथ राजनीतिक क्षेत्र में कदम रख रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के जज, कानून के छात्र और इस गणतंत्र के लोकतांत्रिक परंपराओं में रचे-बसे नागरिक के रूप में उनकी सार्वजनिक सेवा ने उन्हें सिखाया है कि भारत की असली ताकत हर व्यक्ति की गरिमा, संवैधानिक नैतिकता की रक्षा और हमारी विविधता में एकता में निहित है।
उन्होंने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव को 'दो व्यक्तियों के बीच की प्रतियोगिता से कहीं बड़ा' बताया। उनका कहना है कि यह चुनाव संविधान निर्माताओं के भारत के विचार को मजबूत करने के बारे में है - एक ऐसा भारत जहां संसद ईमानदारी से कार्य करे, असहमति का सम्मान हो, और संस्थान स्वतंत्रता व निष्पक्षता के साथ लोगों की सेवा करें।
उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति की भूमिका संसदीय लोकतंत्र की सर्वोच्च परंपराओं को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि मैं निर्वाचित होता हूं, तो मैं निष्पक्षता, गरिमा तथा संवाद एवं शिष्टाचार के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ अपनी भूमिका निभाने का वचन देता हूं।
इंडिया ब्लॉक के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हुए सुदर्शन रेड्डी ने कहा, "मैं विपक्षी दलों के नेताओं का आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और उन असंख्य नागरिकों का, जो न्याय, समानता और एकता की इस सामूहिक लड़ाई को प्रेरित करते हैं। हमारे संविधान में विश्वास और लोगों की उम्मीद के साथ, मैं इस यात्रा पर निकल रहा हूं। हमारा लोकतांत्रिक जोश हमें हमेशा मार्गदर्शन करता रहे।"