क्या कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए?

सारांश
Key Takeaways
- सुखदेव भगत का आरोप केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से फैसले लेने का है।
- उन्होंने भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती का जिक्र किया।
- राहुल गांधी का विदेश दौरा व्यक्तिगत कारणों से है।
- भगत ने युद्ध और शांति पर अपने विचार साझा किए।
- पाकिस्तान की धमकियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है।
रांची, २४ जून (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से फैसले लेने का आरोप लगाया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और जनादेश सर्वोपरि है। उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी भारी बहुमत से दोबारा प्रधानमंत्री बनीं, जो लोकतंत्र की खूबसूरती दर्शाता है।
भगत ने कहा, "जनता गलत करने वालों को सजा देती है और अच्छा काम करने वालों को दोबारा मौका देती है। आपातकाल पर राहुल गांधी ने माफी मांगी थी, लेकिन क्या केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा पर माफी मांगेगी? कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र और जनादेश में विश्वास रखती है।"
राहुल गांधी के विदेश दौरे पर बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए भगत ने कहा कि राहुल अपनी भतीजी के ग्रेजुएशन समारोह में शामिल होने गए हैं। बीजेपी गांधी फोबिया से ग्रसित है और देश के मुद्दों पर बात करने की बजाय व्यक्तिगत आरोपों में उलझी रहती है।
भगत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इजरायल-ईरान के बीच सीजफायर की घोषणा पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सुबह की खबरों के मुताबिक, ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागीं, जिसमें छह इजरायली नागरिकों की मौत हुई। भगत ने युद्ध को समस्या का समाधान नहीं माना और शांति की वकालत की।
उन्होंने कहा, "युद्ध से पूरी दुनिया प्रभावित होती है। भारत का रुख स्पष्ट होना चाहिए, क्योंकि ईरान हमारा सहयोगी रहा है। हमारी विदेश नीति क्या है? इसे स्पष्ट करना जरूरी है।"
पाकिस्तान के नेता बिलावल भुट्टो के सिंधु जल संधि तोड़ने पर युद्ध की धमकी वाले बयान पर भगत ने कहा कि इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने इसे "बयानबाजी" करार देते हुए कहा कि ऐसी बातें पहले भी हो चुकी हैं।