सूरत पुलिस ने 119 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया, डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू?

सारांश
Key Takeaways
- सूरत पुलिस ने 119 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया।
- डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
- गिरफ्तार लोगों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था।
- इस कार्रवाई के तहत बायोमेट्रिक डेटा लिया जाएगा।
- सूरत पुलिस अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान चला रही है।
सूरत, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। सूरत पुलिस ने गुरुवार को शहर में अवैध तरीके से निवास कर रहे 119 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने भेस्तान, उन, पांडेसरा, चौक बाजार और रांदेर जैसे क्षेत्रों में छापेमारी करके इन अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा। ये लोग किराए के घरों में रहकर मजदूरी या लारी-गल्ला का काम कर रहे थे।
सूरत के संयुक्त पुलिस आयुक्त राघवेंद्र वत्स ने कहा कि पूछताछ में इनकी बांग्लादेशी पहचान के पुख्ता सबूत मिले हैं। अब इनका बायोमेट्रिक डेटा लिया जाएगा, ताकि भविष्य में ये भारत में दोबारा प्रवेश न कर सकें।
पुलिस के अनुसार, इस कार्रवाई में क्राइम ब्रांच, ऑपरेशन ग्रुप और विभिन्न थानों की टीमें शामिल थीं। गिरफ्तार किए गए लोगों में 26 पुरुष और 37 महिलाएं शामिल हैं। पूछताछ और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से इनकी पहचान की पुष्टि की गई।
राघवेंद्र वत्स ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "इस कार्रवाई के तहत अब तक 119 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। इससे पहले भी सूरत पुलिस 200 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को डिपोर्ट कर चुकी है।"
उन्होंने बताया कि इन लोगों के पास से कोई ऐसा दस्तावेज नहीं मिला, जिससे उनकी नागरिकता साबित हो। हालांकि, पूछताछ और केंद्रीय एजेंसियों की जांच से इनकी बांग्लादेशी पहचान की पुष्टि हुई। इनमें से किसी का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन पुलिस पूरी सावधानी बरत रही है। डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिसमें केंद्रीय एजेंसियां भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "डिपोर्टेशन की प्रक्रिया तय नियमों के तहत होगी। इनके बायोमेट्रिक डेटा को केंद्रीय एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा ताकि ये लोग दोबारा भारत में प्रवेश न कर सकें।"
उनका कहना है कि बायोमेट्रिक डेटा यह सुनिश्चित करेगा कि इन लोगों के नाम पर कोई फर्जी दस्तावेज न बन सके।
उनके मुताबिक, सूरत पुलिस की यह कार्रवाई अवैध प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। शहर में पहले भी ऐसी छापेमारी हो चुकी है, जिसमें सैकड़ों बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया।