क्या तमिलिसाई सुंदरराजन ने आरएसएस स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी को अनुचित बताया?

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क्या तमिलिसाई सुंदरराजन ने आरएसएस स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी को अनुचित बताया?

सारांश

तमिलिसाई सुंदरराजन ने चेन्नई में आरएसएस स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की निंदा की है। उन्होंने इसे अनुचित और अनावश्यक बताया, साथ ही सरकार की गलत नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। क्या यह कार्रवाई राष्ट्रवादी भावनाओं को दबाने का एक प्रयास है?

Key Takeaways

  • आरएसएस के शताब्दी समारोह के दौरान स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी पर विवाद।
  • तमिलिसाई सुंदरराजन का गिरफ्तारी की निंदा करना।
  • पुलिस की कार्रवाई को अनुचित बताना।
  • डीएमके सरकार पर आरोप।
  • गिरफ्तार स्वयंसेवकों की तत्काल रिहाई की मांग।

चेन्नई, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और तेलंगाना की पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने चेन्नई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह के दौरान स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा की है।

यह घटना अय्यप्पनथंगल के एक सरकारी स्कूल में हुई, जहां स्वयंसेवकों को बिना अनुमति के गुरुपूजा समारोह और शाखा प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। तमिलिसाई ने पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे अनुचित और अनावश्यक बताया।

उन्होंने कहा कि विजयादशमी के शुभ अवसर पर जब आरएसएस स्वयंसेवक एक निर्धारित स्थान पर व्यायाम और प्रार्थना के लिए एकत्रित हुए थे, पुलिस ने सभा स्थल को घेर लिया और बिना किसी ठोस कारण के स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर लिया। आरएसएस पिछले 100 वर्षों से इस स्थान पर नियमित रूप से अपनी शाखा आयोजित करता रहा है और यह एक शांतिपूर्ण, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय भावना से प्रेरित गतिविधि थी।

उन्होंने आगे कहा कि स्वयंसेवकों को ऐसे हिरासत में लिया गया, जैसे वे असामाजिक तत्व हों, जबकि ड्रग माफिया और अन्य अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है। डीएमके सरकार राष्ट्रीय संगठनों को दबाने और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है।

गिरफ्तार किए गए स्वयंसेवकों को एक मैरिज हॉल में रखा गया, जहां तमिलिसाई ने उनसे मुलाकात की और उनका समर्थन किया।

उन्होंने मांग की कि हिरासत में लिए गए सभी आरएसएस स्वयंसेवकों को तत्काल रिहा किया जाए और सरकार इस कार्रवाई का उचित स्पष्टीकरण दे।

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की कार्रवाइयां राज्य में राष्ट्रवादी भावनाओं को दबाने की कोशिश का हिस्सा हैं, जो जनता के बीच आक्रोश पैदा कर सकती हैं। विजयादशमी जैसे पवित्र दिन पर इस तरह की कार्रवाई न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि सरकार की गलत नीतियों को भी उजागर करती है।

तमिलिसाई ने तमिलनाडु में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “जब असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की जरूरत है, सरकार आंखें मूंद लेती है, लेकिन शांतिपूर्ण और देशभक्ति से प्रेरित सभाओं को रोकने में तत्परता दिखाती है। यह डीएमके सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।”

Point of View

यह स्पष्ट है कि किसी भी सरकार को अपने नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। राष्ट्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने से केवल असंतोष बढ़ता है। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए सभी को एक समान अधिकार मिलना चाहिए।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएस स्वयंसेवकों की गिरफ्तारी का कारण क्या था?
आरएसएस स्वयंसेवकों को बिना अनुमति के गुरुपूजा समारोह और शाखा प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
तमिलिसाई सुंदरराजन ने इस कार्रवाई पर क्या कहा?
तमिलिसाई सुंदरराजन ने इसे अनुचित और अनावश्यक बताया और सभी गिरफ्तार स्वयंसेवकों की तत्काल रिहाई की मांग की।
डीएमके सरकार की भूमिका इस मामले में क्या है?
तमिलिसाई ने आरोप लगाया कि डीएमके सरकार राष्ट्रवादी संगठनों को दबाने का कार्य कर रही है।