क्या तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष को मंदिर में जाने से रोका गया?

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क्या तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष को मंदिर में जाने से रोका गया?

सारांश

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई को कांचीपुरम के वल्लाकोट्टई मुरुगन मंदिर में एक धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने से रोका गया। इस घटना ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है, जिससे पार्टी ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। क्या सरकार इस मामले में उचित कदम उठाएगी?

Key Takeaways

  • तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष को मंदिर में रोका गया।
  • कांग्रेस पार्टी ने कार्रवाई की मांग की।
  • राजनीतिक विवाद ने समाज में भेदभाव पर सवाल उठाया।
  • मंदिर अधिकारियों की भूमिका पर सवाल।
  • कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी।

चेन्नई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष एवं विधायक के. सेल्वापेरुन्थागई को कांचीपुरम के वल्लाकोट्टई मुरुगन मंदिर में एक धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने से मंदिर अधिकारियों ने रोक दिया। इस घटना के लिए कांग्रेस विधायक ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी।

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) के अध्यक्ष एवं विधायक के. सेल्वापेरुन्थागई ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "जॉइंट कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और कार्यकारी अधिकारी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। मुझे उम्मीद है कि सरकार कार्रवाई करेगी और यह सब एक दक्षिणपंथी अधिकारी की वजह से हुआ और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।"

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को मंदिर में रोके जाने को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मणिकम टैगोर ने भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "यह घटना चौंकाने वाली और शर्मनाक है। तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष और श्रीपेरंबुदूर विधायक के. सेल्वापेरुन्थागई को उनके अपने क्षेत्र में वल्लाकोट्टई मुरुगन मंदिर के अभिषेक समारोह में उचित सम्मान से वंचित किया गया। एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में अपने कर्तव्यों को निभाने से उन्हें क्यों रोका गया?"

उन्होंने आगे कहा, "क्या तमिलनाडु के मंत्री पीके शेखर बाबू कार्रवाई करेंगे या चुप रहेंगे? हम इस अपमान की पूरी जांच की मांग करते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। तमिलनाडु ऐसा भेदभाव सहन करके सामाजिक न्याय का दावा नहीं कर सकता है।"

तमिलनाडु के भाजपा उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने इस घटना को लेकर बयान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कांचीपुरम जिले में वल्लक्कोट्टई अरुलमिगु सुब्रमण्य स्वामी मंदिर में कल कुंभाभिषेकम (विशेष पूजा अनुष्ठान) हुआ। इस आयोजन में शामिल होने के दौरान कांग्रेस पार्टी के तमिलनाडु अध्यक्ष के. सेल्वापेरुन्थागई ने आरोप लगाया कि उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया गया और उन्हें नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का भेदभाव 2000 साल से होता आ रहा है, जो अत्यंत निंदनीय है।"

उन्होंने आगे कहा, "इस आयोजन में अन्ना नगर और उथिरमेरूर विधानसभा के सदस्यों के साथ-साथ वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. तमिलिसाई सौंदरराजन भी शामिल थीं। हालांकि, सेल्वापेरुन्थागई देर से पहुंचे, लेकिन फिर भी उन्हें मुख्य देवता के मेन टावर (गर्भगृह की छत पर कलश) के पास बाकी सभी के साथ खड़ा किया गया। फिर भी उन्होंने झूठी और राजनीति से प्रेरित बातें कीं, जो गलत और निंदनीय हैं।"

भाजपा नेता ने यह भी कहा कि पूजा के दौरान सब लोग उनके आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वह बिना हिस्सा लिए चले गए। उन्होंने मंदिर कार्यक्रम को राजनीतिक मंच समझा, जो कि गलत है।

Point of View

बल्कि यह समाज में भेदभाव के मुद्दों पर भी प्रकाश डालता है। एक निर्वाचित प्रतिनिधि के रूप में के. सेल्वापेरुन्थागई को मंदिर में सम्मानित किया जाना चाहिए था। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम सामाजिक न्याय की दिशा में सही रास्ते पर हैं?
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या के. सेल्वापेरुन्थागई को मंदिर में जाने से रोकने का कोई कारण था?
मंदिर अधिकारियों ने उन्हें धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने से रोका, जिसका कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
कांग्रेस पार्टी ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी है?
कांग्रेस पार्टी ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
क्या इस घटना से राजनीतिक तनाव बढ़ेगा?
हां, इस घटना ने तमिलनाडु में राजनीतिक तनाव को बढ़ाया है।