क्या टीएमसी प्रवक्ता ने शुभेंदु पर हमले का आरोप खारिज किया?

सारांश
Key Takeaways
- टीएमसी ने शुभेंदु के हमले के आरोपों को खारिज किया।
- कुणाल घोष ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाए।
- विकास कार्यों से टीएमसी की पकड़ मजबूत हो रही है।
- अमित शाह के बयान पर टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
- जनता भाजपा से असंतुष्ट है।
कोलकाता, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दक्षिण 24 परगना के मथुरापुर क्षेत्र में विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी की गाड़ी पर लगे हमले के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि इन आरोपों में कोई सत्यता नहीं है और यह भाजपा का एक सुनियोजित नाटक है। उन्होंने कहा, "यहां लोकतंत्र है, कोई भी जहां जाना चाहे जा सकता है। भाजपा को अब आम जनता सहन नहीं कर रही है।"
कुणाल घोष ने शुभेंदु अधिकारी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि भाजपा नेता ने केंद्र सरकार को '100 दिनों के काम' का पैसा देने से रोक दिया था। घोष ने कहा, "आम जनता को यह अच्छी तरह याद है कि शुभेंदु ने दिल्ली को फंड देने से मना कर दिया। आवास योजना का पैसा भी भाजपा नेताओं ने रोका। लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी न केवल 100 दिनों के काम का पैसा दे रही हैं, बल्कि आवास योजना के तहत भी लाभ पहुंचा रही हैं। इसलिए जनता भाजपा से बेहद नाराज है।"
उन्होंने कहा, "ममता सरकार ने पिछले साल 100 दिनों के काम के तहत लाखों परिवारों को आवास और रोजगार प्रदान किया, जबकि केंद्र की योजनाओं में देरी भाजपा की चालबाजी का नतीजा है।" टीएमसी का दावा है कि मथुरापुर जैसे ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों से पार्टी की पकड़ मजबूत हो रही है, जो भाजपा को असहज कर रहा है।
राजनीतिक तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर भी टीएमसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। शाह ने बिहार की एक सभा में कहा था कि देशभर में एसआईआर लागू होना चाहिए, ताकि रिश्वतखोरों, दलालों और अवैध घुसपैठियों को मतदाता सूची से बाहर किया जा सके। घोष ने इसे 'सेल्फ-गोल' करार देते हुए कटाक्ष किया, "अमित शाह ने खुद अपने ही गोल में गोल दाग दिया। बॉर्डर किसके हाथ में है? अगर कोई दूसरे देश से भारत आता है, तो सुरक्षा कौन प्रदान करता है? केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है, फिर एसआईआर का बहाना क्यों?"