क्या त्रिपुरा में पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ लोकतंत्र पर हमला है?

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क्या त्रिपुरा में पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ लोकतंत्र पर हमला है?

सारांश

त्रिपुरा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय पर की गई तोड़फोड़ को लेकर पार्टी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। टीएमसी का कहना है कि यह लोकतंत्र पर एक बड़ा हमला है। क्या यह स्थिति राजनीतिक हिंसा की ओर इशारा करती है? जानिए पूरी कहानी में।

Key Takeaways

  • तोड़फोड़ की घटना ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
  • टीएमसी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • भाजपा नेताओं के साथ हुई मुलाकात ने स्थिति को और स्पष्ट किया।

कोलकाता, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय पर हुई तोड़फोड़ के मामले में पार्टी ने भाजपा को आरोप लगाते हुए कहा है।

टीएमसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा के समर्थित गुंडों द्वारा किया गया यह हिंसक हमला केवल उनकी आक्रामकता नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र पर एक खुला हमला है। जब सत्ता में बैठे लोग अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं, तो वे अपनी ताकत नहीं, बल्कि डर और नैतिक दिवालियापन का परिचय देते हैं।

पोस्ट में आगे कहा गया कि भाजपा "लोकतंत्र बचाने" की बात करती है, जबकि वे राज्यों की नींव को जलाने का काम कर रहे हैं। वे कार्यालयों को नष्ट कर सकते हैं, पोस्टर फाड़ सकते हैं और कार्यकर्ताओं को धमका सकते हैं, लेकिन वे उस प्रतिरोध की भावना को नहीं तोड़ सकते जो तृणमूल के हर कार्यकर्ता और न्याय में विश्वास रखने वाले हर नागरिक में है। हम चुप नहीं रहेंगे। हम पीछे नहीं हटेंगे। त्रिपुरा और भारत की जनता देख रही है।

इससे पहले, पश्चिम बंगाल भाजपा के चुनाव सह प्रभारी एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब मंगलवार को सिलीगुड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने टीएमसी से जुड़े लोगों के हमले में घायल हुए भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।

बिप्लब देब ने दोनों नेताओं से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। घायल भाजपा सांसद और विधायक ने बताया कि जब वे जलपाईगुड़ी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे थे, तभी टीएमसी समर्थित गुंडों ने अचानक हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने उनके वाहनों में तोड़फोड़ की और पत्थरबाजी की, जिसके बाद वे गंभीर रूप से घायल हो गए।

भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद बिप्लब देब ने कहा कि यह घटना पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार की असफलता और कानून व्यवस्था की स्थिति का प्रमाण है। टीएमसी सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। जनता आगामी विधानसभा चुनाव में ममता सरकार को उखाड़ फेंकेगी। पश्चिम बंगाल में टीएमसी शासन के खिलाफ जनाक्रोश लगातार बढ़ रहा है।

Point of View

मेरा मानना है कि राजनीतिक हिंसा की किसी भी रूप में निंदा की जानी चाहिए। यह न केवल एक पार्टी के लिए, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। हमें ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

तोड़फोड़ की घटना कब हुई?
यह घटना 7 अक्टूबर को हुई।
टीएमसी ने भाजपा पर क्या आरोप लगाया?
टीएमसी ने भाजपा पर अपने कार्यालय पर हिंसक हमले का आरोप लगाया है।
पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह घटना टीएमसी सरकार की असफलता का प्रमाण है।