क्या त्रिपुरा में बांग्लादेश से घुसपैठ अब समाप्त हो गई है? मुख्यमंत्री माणिक साहा का बयान

Click to start listening
क्या त्रिपुरा में बांग्लादेश से घुसपैठ अब समाप्त हो गई है? मुख्यमंत्री माणिक साहा का बयान

सारांश

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने बांग्लादेश से घुसपैठ में कमी की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राज्य में अब लोगों के बाहर जाने की घटनाएं अधिक हो रही हैं। बीएसएफ और बीजीबी के बीच समन्वय में सुधार हो रहा है। जानें इस महत्वपूर्ण विषय पर और क्या कहा गया है।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री माणिक साहा का बयान, बांग्लादेश से घुसपैठ में कमी हुई है।
  • अब त्रिपुरा से बाहर जाने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
  • बीएसएफ और बीजीबी के बीच समन्वय में सुधार हो रहा है।
  • अवैध प्रवासियों की संख्या में भी कमी आई है।
  • सीमा सुरक्षा के लिए बीएसएफ की मेहनत जारी है।

अगरतला, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में बांग्लादेश से राज्य में कोई बड़ी घुसपैठ नहीं हो रही है, बल्कि अब त्रिपुरा से लोगों के बाहर जाने (एक्सफिल्ट्रेशन) की घटनाएं बढ़ रही हैं।

त्रिपुरा की 856 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश से लगती है और यह राज्य तीन ओर से पड़ोसी देश से घिरा हुआ है, जिससे तस्करी और अन्य सीमा-पार अपराधों का खतरा बना रहता है। मुख्यमंत्री साहा के अनुसार, पहले घुसपैठ एक बड़ा मुद्दा था, लेकिन अब हालात में बदलाव आया है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डायमंड जुबिली रेजिंग डे कार्यक्रम में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “सीमा पार से अब घुसपैठ नहीं हो रही है। त्रिपुरा में अब एक्सफिल्ट्रेशन की घटनाएं हो रही हैं। बीएसएफ कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (बीजीबी) और अन्य संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर पकड़े गए लोगों को उनके देश वापस भेज रही है।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। त्रिपुरा की भौगोलिक स्थिति और कठिन भू-भाग के कारण सीमा की सुरक्षा हमेशा चुनौतीपूर्ण बनी रहती है।

मुख्यमंत्री साहा ने यह भी कहा, “सीमा के कुछ हिस्सों में अब भी फेंसिंग नहीं है, ऐसे क्षेत्रों में बीएसएफ अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। बीएसएफ अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में सराहनीय कार्य कर रही है।”

उन्होंने बताया कि बीएसएफ राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर समय-समय पर सभी आवश्यक कदम उठा रही है ताकि सीमा सुरक्षा मजबूत रहे।

बीएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 57 रोहिंग्या अवैध प्रवासियों, 628 बांग्लादेशी नागरिकों और 280 भारतीय नागरिकों को पकड़ा गया है। इसके साथ ही ड्रग्स और अन्य अवैध सामान की कुल 51.65 करोड़ रुपये की बरामदगी भी की गई है।

अधिकारी ने कहा कि विभिन्न संयुक्त अभियानों के दौरान सीमा-पार अपराधों में भारी कमी दर्ज की गई है और 452.47 एकड़ में गांजे की खेती को नष्ट किया गया।

उन्होंने बताया कि बीएसएफ और बीजीबी के बीच सेक्टर कमांडर स्तर से लेकर बॉर्डर आउटपोस्ट स्तर तक नियमित बैठकें हो रही हैं, जिससे समन्वय मजबूत हुआ है और कई मुद्दों का समाधान तेजी से हो पा रहा है।

बीएसएफ त्रिपुरा फ्रंटियर ने आश्वस्त किया है कि वह राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य जारी रखेगी और सभी संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखेगी।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या त्रिपुरा में घुसपैठ की समस्या खत्म हो गई है?
मुख्यमंत्री माणिक साहा के अनुसार, अब बांग्लादेश से बड़ी घुसपैठ नहीं हो रही है।
बीएसएफ क्या कर रही है?
बीएसएफ ने बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड के साथ समन्वय कर अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने का काम किया है।
क्या सीमा पर सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं?
जी हां, बीएसएफ और राज्य पुलिस मिलकर सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठा रही है।
अवैध प्रवासियों की संख्या कितनी है?
वर्ष 2025 में अब तक 57 रोहिंग्या और 628 बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया है।
सीमा की सुरक्षा को लेकर क्या उपाय किए जा रहे हैं?
बीएसएफ अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां फेंसिंग नहीं है।
Nation Press