टैरिफ पर ट्रंप का यू-टर्न: अमेरिका ने कॉफी और फलों पर शुल्क क्यों हटाया?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने खाद्य आयात पर टैरिफ में कटौती की है।
- महंगाई को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
- भारत को इससे लाभ होने की संभावना है।
- उष्णकटिबंधीय फल और जूस पर शुल्क नहीं लगेगा।
- आयातित मसालों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
न्यूयॉर्क, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। टैरिफ का बम फोड़कर दुनिया में हलचल मचाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब यू-टर्न ले लिया है। असल में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने खाद्य आयात पर शुल्क में कमी की है। आइए जानते हैं कि इसका भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
ट्रंप का यह निर्णय महंगाई को काबू में रखने और आम जनता को राहत देने के इरादे से लिया गया है। इससे भारत को भी लाभ होगा। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि उष्णकटिबंधीय फल, जूस, चाय और मसाले उन आयातों में शामिल हैं जिन पर कोई पारस्परिक शुल्क नहीं लगाया जाएगा।
व्हाइट हाउस की फैक्टशीट में कॉफी, चाय, कोको, संतरे, टमाटर और बीफ का भी उल्लेख किया गया है। ध्यान दें, ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क लगाया था। इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने पर भी 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाया गया है।
महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ट्रंप ने पहले जेनेरिक दवाओं पर टैरिफ हटा दिया था। इस फैसले से भारत को काफी लाभ मिला है, क्योंकि भारत अमेरिका में निर्धारित 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है।
हालांकि, खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी का कारण उच्च टैरिफ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप इसका सीधा असर आयातकों और खुदरा विक्रेताओं के माध्यम से आम जनता की जेब पर पड़ा है।
न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और वर्जीनिया में हाल के चुनावों में डेमोक्रेट्स पार्टी ने महंगाई को मुख्य मुद्दा बनाया। डेमोक्रेट्स ने महंगाई कम करने पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे मतदाताओं पर अधिक खर्च का दबाव पड़ा है।
वहीं दूसरी ओर, ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय मामलों, टैरिफ और निवेश में ध्यान केंद्रित किया, जबकि आम जनता के लिए महंगाई का मुद्दा उनके लिए प्राथमिकता नहीं रहा। अमेरिका में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा जारी है, जिससे भारत को आम, अनार और चाय के निर्यात में लाभ हो सकता है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, हाल के चुनावों में महंगाई वहां की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा। सितंबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार, भुनी हुई कॉफी की कीमतों में 18.9 प्रतिशत और बीफ तथा वील की कीमतों में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत से आयातित मसालों और खाद्य उत्पादों की कीमतों में भारतीय किराना दुकानों में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।