क्या ट्रंप और नेतन्याहू की मुलाकात गाजा डील में 72 घंटे का सस्पेंस लेकर आई?

सारांश
Key Takeaways
- 72 घंटे का सस्पेंस योजना का महत्वपूर्ण पहलू है।
- हमास की प्रतिक्रिया योजना की सफलता के लिए जरूरी है।
- गाजा डील में 20 महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें इस पर हैं।
- क्या यह डील वास्तव में शांति लाएगी?
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। व्हाइट हाउस के भव्य हॉल में, डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू ने एक ऐतिहासिक शांति योजना पर हस्ताक्षर किए। मीडिया ने इसे '20-प्वाइंट गाजा डील' के तौर पर जाना। लेकिन इस योजना में एक महत्वपूर्ण ट्विस्ट है- 72 घंटे का सस्पेंस।
योजना के अनुसार, हमास को 72 घंटे के भीतर सभी बंदियों को रिहा करना होगा। इस तीन-दिन की घड़ी ने पूरी दुनिया का ध्यान गाजा की ओर खींच लिया है। वैश्विक मीडिया इस पर उत्सुक है। हर अखबार की हेडलाइन, हर समाचार चैनल की स्क्रीन और हर सोशल मीडिया पोस्ट बस यही सवाल कर रही है: 'क्या हमास का कदम क्या होगा?'
यूरोप, अमेरिका और एशिया के देशों में इसके परिणामों को लेकर चिंता है। चीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन चीनी सरकारी समाचार पत्र 'चाइना डेली' ने इस योजना को 'अस्थायी' और 'अधूरी' करार दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि हमास ने अभी तक इस योजना को स्वीकार नहीं किया है। इजरायल और अमेरिका के बीच सहमति के बावजूद, हमास की प्रतिक्रिया योजना की सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगी।
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने गाजा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमास को इसे स्वीकार करना होगा। उनकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नेतन्याहू की पार्टी इसे सराहेगी, लेकिन दक्षिणपंथी गठबंधन में विरोध की संभावना है।
द वॉशिंगटन पोस्ट ने भी हमास के रुख पर सवाल उठाए हैं। लिखा है कि नेतन्याहू ने ट्रंप के दबाव में सहमति दी है, लेकिन हमास के बारे में जो कहा गया है, उसे निश्चित तौर पर अस्वीकार किया जाएगा।
यूके के द गार्जियन ने नेतन्याहू की यूएन से अपील को प्रमुखता से छापा है। उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीन को मान्यता दिए जाने की निंदा की है।
इजरायल के प्रमुख मीडिया समूह द टाइम्स ऑफ इजरायल ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के सहयोग की बात कही है, जिसमें कतर से माफी का भी जिक्र है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस में एक महत्वाकांक्षी शांति योजना का ऐलान किया है, जो गाजा में लगभग दो साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने का दावा करती है। इस 20-सूत्री योजना में तत्काल युद्धविराम, बंधकों की अदला-बदली, इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी, हमास का पूर्ण निरस्त्रीकरण और एक अंतरराष्ट्रीय ट्रांजिशन सरकार की स्थापना शामिल है। योजना के अनुसार गाजा का पुनर्निर्माण होगा, जिसमें पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर और ट्रंप खुद एक बोर्ड के प्रमुख होंगे।
यह सब कुछ तय है, लेकिन हमास की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया न आना सस्पेंस का कारण बनता है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह डील वाकई शांति लाएगी या इजरायल को हमास के खिलाफ 'अंतिम हमला' करने का बहाना बनेगी!