क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन 31 अक्टूबर को वाराणसी का दौरा करेंगे?

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क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन 31 अक्टूबर को वाराणसी का दौरा करेंगे?

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन 31 अक्टूबर को वाराणसी का दौरा करेंगे। इस दौरान वह काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा करेंगे और नए सत्रम भवन का उद्घाटन करेंगे। जानें इस यात्रा के महत्व और उपराष्ट्रपति की अन्य गतिविधियों के बारे में।

Key Takeaways

  • उपराष्ट्रपति का वाराणसी दौरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा का आयोजन होगा।
  • नए सत्रम भवन का उद्घाटन 31 अक्टूबर को होगा।
  • यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच के संबंधों को मजबूत करेगी।
  • पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी का एक दिवसीय दौरा करेंगे और काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।

एक अधिकारी के अनुसार, इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी के सिगरा में नए सत्रम भवन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करेंगे।

श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी ने 60 करोड़ रुपए की लागत से 140 कमरों वाले 10 मंजिला सत्रम का निर्माण किया है।

यह सोसाइटी द्वारा वाराणसी में निर्मित दूसरा सत्रम है, और इसका उद्देश्य आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के साथ-साथ युवा पीढ़ी को इस पवित्र शहर की यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है।

यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाती है, जो 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना में काशी-तमिल के गहरे जुड़ाव का प्रतीक है।

उद्घाटन के बाद उपराष्ट्रपति काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे और पूजा-अर्चना करेंगे।

इससे पहले राधाकृष्णन ने कोयंबटूर, तिरुप्पुर, मदुरै और रामनाथपुरम में कई कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद गुरुवार को अपनी तमिलनाडु यात्रा संपन्न की। यह यात्रा 28 से 30 अक्टूबर तक चली।

गुरुवार को अपनी यात्रा के अंतिम दिन उपराष्ट्रपति ने रामनाथपुरम जिले के पासुमपोन का दौरा किया और पूज्य नेता पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर को उनकी जयंती और गुरु पूजा के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर एक महान योद्धा, निडर योद्धा, पूजनीय संत और सच्चे देशभक्त थे, जिन्होंने अपना जीवन राष्ट्र और उसकी जनता के लिए समर्पित कर दिया।

उन्होंने पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का एक समर्पित अनुयायी बताया, जिन्होंने विचारों और कार्यों में साहस, त्याग और देशभक्ति को मूर्त रूप दिया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुथुरामलिंगा थेवर सभी समुदायों और धर्मों के नेता थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 25 वर्षों से पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर जयंती और गुरु पूजा में भाग लेने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है, और उन्होंने पदभार ग्रहण करने के बाद तमिलनाडु की अपनी पहली यात्रा के दौरान इस वर्ष के समारोहों का एक बार फिर हिस्सा बनने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने आगे कहा कि मुथुरामलिंगा थेवर की विरासत हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।

Point of View

जो न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक एकता और समर्पण का भी प्रतीक है। यह हमारी विविधता में एकता को और मजबूत करेगा और श्रद्धालुओं के लिए एक नई आशा की किरण बनेगा।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

उपराष्ट्रपति का वाराणसी दौरा कब है?
उपराष्ट्रपति का वाराणसी दौरा 31 अक्टूबर को निर्धारित है।
उपराष्ट्रपति किस मंदिर में पूजा करेंगे?
उपराष्ट्रपति काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे।
सत्रम भवन का उद्घाटन कब होगा?
सत्रम भवन का उद्घाटन 31 अक्टूबर को होगा।
यह सत्रम भवन किसने बनाया है?
यह सत्रम भवन श्री काशी नट्टुकोट्टई नगर सत्रम प्रबंधन सोसाइटी द्वारा बनाया गया है।
उपराष्ट्रपति ने किस नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की?
उपराष्ट्रपति ने पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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