क्या उत्तर प्रदेश का 'हर घर तिरंगा अभियान' जन आंदोलन बनेगा? 4.6 करोड़ तिरंगे फहराने का लक्ष्य

सारांश
Key Takeaways
- हर घर तिरंगा अभियान का उद्देश्य हर नागरिक में राष्ट्रीयता की भावना जगाना है।
- 4.6 करोड़ तिरंगे फहराने का लक्ष्य रखा गया है।
- अभियान की सफलता के लिए जन सहभागिता आवश्यक है।
- अभियान में शैक्षणिक संस्थानों और सामुदायिक आयोजनों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- अभियान का मुख्य कार्यक्रम 8 अगस्त को काकोरी में होगा।
लखनऊ, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस वर्ष ‘हर घर तिरंगा अभियान-2025’ को और अधिक प्रभावी, व्यापक और जन-सहयोगी बनाने के लिए पूरी तैयारी आरंभ कर दी है। इस संदर्भ में, प्रदेश के मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की और इसे एक जन आंदोलन के रूप में स्थापित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस बार प्रदेश में 4.6 करोड़ से अधिक तिरंगे फहराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने निर्देश दिया कि जनजागरूकता, बड़े प्रचार-प्रसार और स्थानीय स्तर पर सक्रियता सुनिश्चित करने के लिए बाइक-साइकिल रैली, युवा परेड और तिरंगा यात्राएं आयोजित की जाएं। शैक्षणिक संस्थानों, स्मारकों और सार्वजनिक स्थलों को तिरंगा-थीम पर आधारित सजावट, रंगोली और भित्ति चित्रों से सजाया जाए। इसके साथ ही, 'सेल्फी विद तिरंगा' अभियान को भी जनता से जोड़ा जाए।
मुख्य सचिव ने झंडा निर्माण में स्वयं सहायता समूह, एनजीओ, एमएसएमई और खादी ग्रामोद्योग की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी नागरिक तिरंगा को झंडा संहिता के अनुसार सम्मान के साथ फहराएं और किसी भी प्रकार से इसका अनादर न हो। बैठक में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव को लेकर भी विशेष निर्देश दिए गए। 8 अगस्त को राज्यभर में समारोह आयोजित किए जाएंगे और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्य कार्यक्रम काकोरी में होगा। सभी जिलों में सजीव प्रसारण की व्यवस्था सूचना विभाग द्वारा की जाएगी।
इसके साथ ही, 8 और 9 अगस्त को सैनिकों तथा सुरक्षा कर्मियों को तिरंगा राखी बांधने तथा सीमाओं पर राखियां भेजने की व्यवस्था भी डाक विभाग के सहयोग से की जाएगी। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि यह अभियान 2 से 15 अगस्त तक तीन चरणों में चलाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में सजावट और जागरूकता, दूसरे में जन सहभागिता और मेलों का आयोजन तथा तीसरे चरण में ध्वजारोहण और तिरंगा लाइटिंग की गतिविधियां शामिल हैं।