क्या उत्तराखंड के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने 332 पदों पर जीत हासिल की?

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क्या उत्तराखंड के छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने 332 पदों पर जीत हासिल की?

सारांश

उत्तराखंड के छात्रसंघ चुनाव 2025 में एबीवीपी ने शानदार जीत हासिल की है। जानें इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव को।

Key Takeaways

  • एबीवीपी ने 332 पदों पर जीत हासिल की।
  • 27 कॉलेजों में निर्विरोध जीत।
  • युवा-केंद्रित नीतियों का प्रभाव।
  • संस्थानिक शक्ति की मजबूती।
  • समाज में सकारात्मक माहौल का निर्माण।

देहरादून, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के छात्रसंघ चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए 332 पदों पर जीत हासिल की है।

यह ऐतिहासिक सफलता संगठन की ताकत और युवाओं में बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, शुद्धोवाला डोईवाला, ऋषिकेश, कोटद्वार, खटीमा और श्रीनगर जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों में एबीवीपी ने अपनी पकड़ मजबूत की है।

एबीवीपी ने कुल 332 सीटों पर कब्जा जमाया, जिसमें 58 अध्यक्ष, 52 उपाध्यक्ष, 47 महासचिव, 51 कोषाध्यक्ष, 50 सह-सचिव, 62 विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, 6 सांस्कृतिक सचिव और 6 छात्रा उपाध्यक्ष शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि 27 कॉलेजों में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए, जो संगठन की जमीनी ताकत और विपक्षी दलों की कमजोर तैयारी को दर्शाता है।

एबीवीपी की जीत के पीछे उसकी मुख्य रणनीति और संगठनात्मक शक्ति प्रमुख कारक रही। संगठन ने पारदर्शी परीक्षाएं, शैक्षणिक सुधार, छात्र हितों का संरक्षण, कैंपस अनुशासन और राष्ट्रवादी विचारधारा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी। इन मुद्दों ने छात्रों के बीच गहरी पैठ बनाई। 27 कॉलेजों में निर्विरोध जीत ने यह साबित किया कि एबीवीपी का जनाधार शहरी, अर्ध शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों तक विस्तृत है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की युवा-केंद्रित नीतियों ने भी एबीवीपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नकल विरोधी कानून ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की, जिसने छात्रों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ाया।

इसके अलावा, 25,000 से अधिक सरकारी नौकरियों की घोषणा और यूकेएसएसएससी जैसे परीक्षा घोटालों पर सख्त कार्रवाई ने सरकार की विश्वसनीयता को मजबूत किया। इन नीतियों ने छात्र समुदाय में सकारात्मक माहौल बनाया, जिसका लाभ एबीवीपी को मिला।

Point of View

बल्कि यह उत्तराखंड के छात्र राजनीति में एक नया मोड़ भी है।
NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

एबीवीपी ने कितने पदों पर जीत हासिल की?
एबीवीपी ने 332 पदों पर जीत हासिल की है।
कौन से प्रमुख कॉलेजों में एबीवीपी ने पकड़ बनाई?
डीएवी पीजी कॉलेज, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय, और ऋषिकेश जैसे कॉलेजों में एबीवीपी ने पकड़ बनाई।
इस जीत का मुख्य कारण क्या था?
मुख्य कारण थी एबीवीपी की मुद्दा आधारित रणनीति और संगठनात्मक शक्ति।
क्या एबीवीपी ने निर्विरोध चुनाव जीते?
हाँ, एबीवीपी के प्रत्याशी 27 कॉलेजों में निर्विरोध चुने गए।
भाजपा सरकार की नीतियों का क्या प्रभाव पड़ा?
भाजपा सरकार की युवा-केंद्रित नीतियों ने एबीवीपी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।