क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने दीपावली पर 'वोकल फॉर लोकल' से जुड़ने की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है।
- मुख्यमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' का आह्वान किया।
- स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- त्योहारों में सामाजिक एकता का महत्व।
- सभी पर्व एकजुटता और भाईचारे का संदेश देते हैं।
देहरादून, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली के इस पावन पर्व पर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। उनके संदेश में कहा गया है कि यह पर्व खुशियों, रोशनी और समृद्धि का प्रतीक है और उन्होंने आशा व्यक्त की कि दीपों की यह रोशनी हर घर में नई ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर आएगी।
मुख्यमंत्री ने भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हुए कहा कि उनकी कृपा से सभी के जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य का प्रकाश सदैव बना रहे। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस दीपावली पर वे न केवल अपने घर को रोशन करें, बल्कि दूसरों के जीवन को भी उजागर करें।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी' के आह्वान को याद करते हुए लोगों से 'वोकल फॉर लोकल' का संकल्प लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस पर्व पर हमें स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों द्वारा बनाए गए स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "यदि हम स्थानीय उत्पादों को अपनाएंगे तो न केवल हमारे त्योहार की खुशियां बढ़ेंगी, बल्कि कारीगरों और उनके परिवारों के घरों में भी दीप जलेंगे। इससे प्रदेश और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।"
सीएम धामी ने केवल दीपावली ही नहीं, बल्कि इसके साथ मनाए जाने वाले गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे पर्वों के लिए भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ये सभी पर्व आपसी प्रेम, ऊर्जा और सौहार्द का संदेश देते हैं और हमें समाज में एकजुटता और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने वीडियो संदेश जारी कर आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए कहा, "आप सभी को हर्षोल्लास के पावन पर्व दीपावली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, इन त्योहारों में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें और 'वोकल फॉर लोकल' के संकल्प को मजबूत बनाएं। स्थानीय उत्पाद खरीदकर न केवल अपने त्योहार की खुशियों को बढ़ाएं, बल्कि अपने प्रदेश के कारीगरों और छोटे उद्यमियों की खुशियों में भी अपना योगदान दें।"