क्या इजरायल में मारे गए नेपाली छात्र बिपिन जोशी का पार्थिव शरीर काठमांडू लाया गया?

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क्या इजरायल में मारे गए नेपाली छात्र बिपिन जोशी का पार्थिव शरीर काठमांडू लाया गया?

सारांश

काठमांडू में श्रद्धांजलि समारोह के बाद बिपिन जोशी का शव लाया गया। इजरायल में हमास के हमले में उनकी मौत हुई। उनकी वीरता ने नेपाल में शोक और आक्रोश को जन्म दिया। जानिए उनकी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • बिपिन जोशी का पार्थिव शरीर काठमांडू लाया गया।
  • इजरायल में हमास के हमले के दौरान उनकी हत्या हुई।
  • नेपाल सरकार ने उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
  • प्रवासी नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।
  • उनका अंतिम संस्कार कंचनपुर में होगा।

काठमांडू, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल में हमास के हमले के दौरान मारे गए नेपाली छात्र बिपिन जोशी का पार्थिव शरीर आज काठमांडू पहुंचा। जोशी के एक वर्ष से अधिक समय तक बंधक रहने और बाद में मारे जाने की पुष्टि हुई थी।

बिपिन जोशी कंचनपुर जिले की भीमदत्त नगरपालिका के निवासी थे। वे 'लर्न एंड अर्न' कार्यक्रम के अंतर्गत उच्च शिक्षा और कृषि प्रशिक्षण के लिए इजरायल गए थे। 7 अक्टूबर 2023 को हमास के आतंकियों ने गाजा के निकट स्थित एक कीबुत्ज पर हमला किया था, जहां नेपाली छात्रों समेत कई विदेशी नागरिक काम कर रहे थे। उसी समय बिपिन जोशी को आतंकियों ने अगवा कर लिया।

हमले के बाद कई महीनों तक जोशी के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। नेपाल सरकार ने लगातार इजरायल और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से संपर्क बनाए रखा, लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। बाद में 10 अक्टूबर 2023 को इजराइली अधिकारियों ने नेपाल सरकार को आधिकारिक रूप से सूचित किया कि बिपिन जोशी हमले में मारे गए थे।

इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल की शुरुआत में इजरायल और हमास के बीच हुए संघर्षविराम और कैदी विनिमय समझौते के दौरान हमास ने बिपिन जोशी का शव इजरायली सेना को सौंपा। पहचान की पुष्टि के बाद उनके पार्थिव शरीर को नेपाल लाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

काठमांडू लाए जाने से पहले जोशी को इजरायल में श्रद्धांजलि दी गई। तेल अवीव स्थित खतिवा 8 स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसके बाद रविवार को बेन गुरियन एयरपोर्ट पर एक और श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। नेपाल के राष्ट्रीय ध्वज में लिपटे उनके ताबूत को नेपाली दूतावास में नेपाली समुदाय के प्रतिनिधियों और इजरायली अधिकारियों ने लिया।

सोमवार को जब पार्थिव शरीर त्रिभुवन एयरपोर्ट पहुंचा तो नेपाल सरकार की ओर से आधिकारिक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्की ने ताबूत पर पुष्पचक्र अर्पित किया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने बिपिन को नेपाल का एक युवा और साहसी प्रतिनिधि बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, "सरकार बिपिन के परिवार के गहरे दुख में शामिल है। उनका बलिदान हमें उन खतरों की याद दिलाता है जिनका सामना कई नेपाली विदेश में काम करते और पढ़ते समय करते हैं। सरकार विदेश में रहने वाले सभी नेपालियों की सुरक्षा और सम्मान के लिए काम करती रहेगी।"

काठमांडू में श्रद्धांजलि के बाद जोशी का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर उनके गृहनगर भीमदत्त नगर पालिका, कंचनपुर ले जाया गया। स्थानीय अधिकारियों और परिवार के सदस्यों ने पुष्टि की है कि उनका अंतिम संस्कार कंचनपुर में रिश्तेदारों, पड़ोसियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जाएगा।

गौरतलब है कि बिपिन जोशी उन नेपाली छात्रों में शामिल थे, जो 7 अक्टूबर 2023 को इजराइल में हुए हमले से प्रभावित हुए थे। इनमें से 10 की मौत हुई थी और एकमात्र बिपिन जोशी का अपहरण हुआ था। इस घटना ने नेपाल में गहरा शोक और आक्रोश पैदा किया था। सरकार से विदेशों में काम करने वाले नेपाली नागरिकों की बेहतर सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई थी।

Point of View

NationPress
20/10/2025

Frequently Asked Questions

बिपिन जोशी कौन थे?
बिपिन जोशी एक नेपाली छात्र थे, जो इजरायल में 'लर्न एंड अर्न' कार्यक्रम के तहत उच्च शिक्षा और कृषि प्रशिक्षण के लिए गए थे।
उनकी मृत्यु कैसे हुई?
उनकी मृत्यु इजरायल में 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास हमले के दौरान हुई।
कब उनका पार्थिव शरीर नेपाल आया?
उनका पार्थिव शरीर 20 अक्टूबर 2023 को काठमांडू लाया गया।
नेपाल सरकार ने इस पर क्या कहा?
नेपाल सरकार ने बिपिन जोशी के बलिदान को याद करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रवासी नागरिकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया।
उनका अंतिम संस्कार कब होगा?
उनका अंतिम संस्कार कंचनपुर में रिश्तेदारों और पड़ोसियों की उपस्थिति में किया जाएगा।