क्या उत्तराखंड और हिमाचल की आपदा को एसटी हसन हिंदू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं? : शहाबुद्दीन बरेलवी

सारांश
Key Takeaways
- आपदा को धर्म से जोड़ना गलत है।
- प्राकृतिक घटनाएं होती हैं, जिनका कोई धर्म नहीं होता।
- हमें मानवता के नाते एकजुट होना चाहिए।
- आपदा से होने वाले नुकसान पर ध्यान देना चाहिए।
- खुदा से प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसी घटनाएं न हों।
लखनऊ, 9 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड और हिमाचल में आई आपदा पर समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने एक विवादास्पद बयान दिया है। इस पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आलोचना की और कहा कि दोनों स्थानों की त्रासदी एक ही प्रकार की आपदा है। एसटी हसन इसे हिंदू-मुस्लिम का रंग दे रहे हैं, जो उचित नहीं है।
शहाबुद्दीन बरेलवी ने शनिवार को एसटी हसन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल की यह त्रासदी एक प्राकृतिक आपदा है। इसे मजहब से जोड़ना अनुचित है। उन्होंने कहा कि एसटी हसन ने इस आपदा को धार्मिक रंग में रंग दिया है। मौलाना ने कहा कि इसका हिंदू-मुस्लिम से कोई संबंध नहीं है और यह कुदरत का काम है। ऐसी आपदाएं कभी भी हिन्दू या मुस्लिम क्षेत्रों में हो सकती हैं। जो लोग इसे धर्म से जोड़ते हैं, वे गलतफहमी में हैं।
उन्होंने कहा कि हमें खुदा से प्रार्थना करनी चाहिए कि ऐसी आपदाएं न हों। इनसे जान-माल को भारी नुकसान होता है। यह एक प्रकार का कहर है और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। ऐसी आपदाएं भारत में न आएं, इसके लिए हमें भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने उत्तराखंड की आपदा पर कहा कि धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर चलाने से यह त्रासदी आई है। उन्होंने इसे 'हृदय विदारक घटना' करार दिया और कहा कि हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। उनके अनुसार, उत्तराखंड और हिमाचल में किसी अन्य धर्म का सम्मान नहीं किया जा रहा है।