क्या उत्तराखंड की धामी सरकार ने सैनिकों और शहीद परिवारों के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए?

सारांश
Key Takeaways
- सैन्य धाम का निर्माण शहीदों की याद में किया गया है।
- शहीद परिवारों के लिए अनुग्रह राशि ५० लाख रुपये की गई।
- पूर्व सैनिकों को निःशुल्क यात्रा का लाभ दिया गया है।
- ड्रोन दीदी योजना के तहत रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
- कारगिल विजय दिवस पर भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया।
देहरादून, २६ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड की धामी सरकार ने पिछले चार वर्षों में सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, सरकार ने न केवल नीतिगत निर्णय किए, बल्कि धरातल पर उतरकर कई योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू किया है।
अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों की याद में, देहरादून में एक भव्य सैन्य धाम (शौर्य स्थल) का निर्माण किया गया है। इस धाम में प्रदेश की २८ नदियों का जल और शहीदों के घरों की मिट्टी एकत्रित कर समर्पित की गई है, जो इसे राष्ट्रीय श्रद्धा का प्रतीक बनाती है।
राज्य भर में शहीद स्मारकों का निर्माण, स्कूलों और सड़कों का नामकरण शहीदों के नाम पर किया जा रहा है। खटीमा में सैनिक मिलन केंद्र और सीएसडी कैंटीन तथा टनकपुर में आधुनिक सैनिक विश्राम गृह का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
धामी सरकार ने शहीद सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली अनुग्रह राशि १० लाख रुपये से बढ़ाकर ५० लाख रुपये कर दी है। इसके अलावा, शहीद परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी या पूर्व सैनिकों जैसी छूट का प्रावधान किया गया है। सरकारी नौकरी के लिए आवेदन की समयसीमा को दो वर्ष से बढ़ाकर पाँच वर्ष किया गया है।
पूर्व सैनिक वीरांगनाओं और पुत्रियों को ड्रोन दीदी योजना के तहत रोजगारपरक ड्रोन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बदरीनाथ धाम की निःशुल्क यात्रा का लाभ अब ६० वर्ष से अधिक उम्र के पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और वीरांगनाओं को भी मिल रहा है।
वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों और पूर्व सैनिकों को उत्तराखंड रोडवेज में मुफ्त यात्रा की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही, २५ लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में २५ प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी किया गया है।
इस बीच, २६ जुलाई को २६वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर देहरादून के चीडबाग स्थित शौर्य स्थल पर एक भव्य श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने वीरगति प्राप्त सैनिकों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर मेजर जनरल एमपीएस गिल (वीएसएम), रियर एडमिरल पियूष पॉसी, ब्रिगेडियर आरएस थापा सहित तीनों सेनाओं के पूर्व सैनिक, वीर नारियां, एनसीसी कैडेट्स और सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। समारोह की शुरुआत मार्च पास्ट से हुई, जिसमें आर्मी स्कूल, केंद्रीय विद्यालय और एनसीसी के १२० से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, “राष्ट्र सदैव वीर नारियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के साथ खड़ा है।” उन्होंने युवाओं से राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित होने का आह्वान किया और कारगिल के वीरों की भावना को आत्मसात करने की बात कही।