क्या उत्तराखंड में विवाह पंजीकरण शुल्क छूट की समय सीमा बढ़ाई गई है?

सारांश
Key Takeaways
- समय सीमा बढ़ाई गई: 26 जनवरी, 2026 तक
- शुल्क छूट: 250 रुपए
- विलंब शुल्क: 50 रुपए (जीएसटी अतिरिक्त)
- कॉमन सर्विस सेंटर से पंजीकरण पर शुल्क लागू
- नागरिकों की सहभागिता को बढ़ावा
देहरादून, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड की सरकार ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली के अंतर्गत विवाह पंजीकरण शुल्क में छूट की समय सीमा अब २६ जनवरी, २०२६ तक बढ़ा दी है। इस निर्णय का उद्देश्य नागरिकों की विवाह पंजीकरण में अधिक से अधिक सहभागिता को प्रोत्साहित करना है।
राज्य सरकार ने यह घोषणा की है कि प्रदेश के नागरिकों के लाभ के लिए समान नागरिक संहिता नियमावली के तहत विवाह पंजीकरण शुल्क २५० रुपए से छूट की समय सीमा २६ जनवरी, २०२६ तक बढ़ाई गई है। इस संबंध में गृह विभाग ने एक अधिसूचना जारी की है।
इस अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियमावली के अंतर्गत वे लोग, जिनका विवाह इस संहिता के लागू होने से पहले पंजीकरण या तलाक के माध्यम से समाप्त हुआ हो, या जिनका विवाह पंजीकरण नहीं हुआ हो, वे २६ जनवरी, २०२६ तक नि:शुल्क विवाह पंजीकरण का लाभ उठा सकते हैं। पहले यह समय सीमा ६ जून, २०२५ निर्धारित की गई थी।
इस अवधि में विवाह पंजीकरण शुल्क २५० रुपए और विलंब शुल्क ५० रुपए (जीएसटी अतिरिक्त) से छूट दी जाएगी। यदि कोई व्यक्ति कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से विवाह पंजीकरण कराता है, तो उस पर ५० रुपए (जीएसटी) का शुल्क पूर्ववत लागू रहेगा। यह निर्णय नागरिकों की सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।