क्या वाराणसी में दुर्गा पूजा पंडाल देशभक्ति के रंग में रंगे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- काशी में नवरात्रि का उत्सव एक अनूठा अनुभव है।
- पंडालों में देशभक्ति का रंग देखने को मिलता है।
- ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
- काशी के पंडालों की सजावट दर्शनीय है।
- नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में भक्त आते हैं।
वाराणसी, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्र के इस खास मौके पर तीर्थ नगरी काशी ने दुल्हन की तरह सजावट की है। यहां पर विशाल पंडाल लोगों को अपनी ओर खींच रहे हैं। काशी के सनातन धर्म इंटर कॉलेज में खाटू श्याम बाबा मंदिर की तर्ज पर एक भव्य पंडाल सजाया गया है।
वहीं, बथुआ मार्केट में मां चामुंडेश्वरी देवी मंदिर के रूप में एक और पंडाल तैयार किया गया है। इसके अंदर मां दुर्गा की प्रतिमा के चारों ओर देशभक्ति के रंग में रंगे सैनिकों की झलक भी देखने को मिल रही है। इसके पास वाले पंडाल में ब्रह्मोस मिसाइल का प्रदर्शन किया गया है, जो सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
लहरतारा क्षेत्र में, यहां का पंडाल सेना के जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया गया है। इसे पूरी तरह से तिरंगे से सजाया गया है, और इसके ऊपर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की गई है, जो दर्शकों का ध्यान खींच रही है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि नवरात्र पर दुर्गा पूजा पंडाल की भव्यता के कारण काशी को मिनी बंगाल के रूप में देखा जाता है। नवरात्र की सप्तमी तिथि से मां दुर्गा के पंडाल भक्तों के लिए खुल जाते हैं। सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि तक लाखों की संख्या में काशीवासी दर्शन के लिए पहुंचते हैं, और दशमी को मां का विसर्जन किया जाता है।
केंद्रीय पूजा समिति काशी क्षेत्र के यूपी अध्यक्ष तिलक राज मिश्रा ने कहा कि काशी एक धार्मिक नगरी है और नवरात्रि के मौके पर लोगों में उत्साह की लहर है, विशेषकर यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यहां निरंतर आना-जाना रहता है। यह एक वीआईपी क्षेत्र है। यहां पूर्वांचल के लोग भी बड़ी संख्या में आते हैं। बड़े पंडालों जैसे कि टाउन हॉल, यंग ब्वायज क्लब, सनातन धर्म आदि में शानदार रोशनी और सजावट की गई है। कहीं खाटूश्याम जी का स्वागत है तो कहीं केदारनाथ जी का। पंडालों के ये स्वरूप लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि काशी में लगभग 512 पंडाल हैं, जिनमें से शहर के भीतर करीब 250 से 300 पंडाल हैं। आज से दर्शन और पूजा अर्चना की शुरुआत हो गई है।