क्या वाराणसी में बुलडोजर चलाकर हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का घर गिरा दिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- बुलडोजर कार्रवाई में 13 मकान ध्वस्त हुए।
- हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का मकान भी गिराया गया।
- लोगों को मुआवजा मिलने के बावजूद विरोध किया गया।
- प्रशासन ने सुरक्षा के लिए 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया।
- मुआवजा न लेने वालों के मकान भी गिराए जा सकते हैं।
वाराणसी, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। काशी, जो शिव की भूमि है, में रविवार को प्रशासन ने पुलिस लाइन से कचहरी रोड पर अतिक्रमण के विरुद्ध बुलडोजर चलाया। इस कार्यवाही के दौरान 13 मकानों को ध्वस्त किया गया, जिसमें पद्मश्री से सम्मानित हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का घर भी शामिल है। इस दौरान तीन थानों की पुलिस और आरएएफ मौके पर मौजूद थी।
कचहरी से संदहा तक सड़क चौड़ीकरण अभियान जारी है। जिन मकानों को ध्वस्त किया गया, उनके मालिकों को प्रशासन द्वारा पहले ही मुआवजा दिया जा चुका था।
रविवार को सबसे पहले कचनार शहीद मजार की दीवार को तोड़ा गया। इसके बाद दुकानों को नष्ट कर दिया गया। बुलडोजर ने हॉकी खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का भी घर ढहा दिया, जो 1980 के मास्को ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
संदहा से कचहरी तक फोर लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। मुआवजा मिलने के बावजूद लोगों ने इस कार्रवाई का विरोध किया। भीड़ बढ़ते देख प्रशासन ने 200 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया ताकि स्थिति बिगड़ न सके।
एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने बताया कि जिन लोगों को मुआवजा दिया गया है, उनके निर्माण गिराए जा रहे हैं। सभी को एक सप्ताह पहले सूचित किया गया था कि यदि वे स्वयं तोड़ने का कार्य नहीं करेंगे तो प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ेगी।
पद्मश्री मोहम्मद शाहिद के घर को ध्वस्त करने पर एडीएम ने कहा कि उनके घर में नौ लोगों ने मुआवजा लिया है, जिनका हिस्सा तोड़ा जा रहा है। अन्य लोगों को अभी तक नहीं तोड़ा गया है। जब उन्हें मुआवजा दिया जाएगा, तब उनके मकान को भी गिराया जाएगा।
एक महिला, नाजनीन, ने कहा कि हमारे परिवार के कुछ सदस्यों ने मुआवजा लिया था, इसलिए हमारा मकान ध्वस्त किया गया है। इस घर से हमारी कई यादें जुड़ी थीं।