क्या वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं देव दीपावली के लिए गाय के गोबर से दीपक बना रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- वाराणसी में देव दीपावली का आयोजन महत्वपूर्ण है।
- मुस्लिम महिलाएं एकता का संदेश दे रही हैं।
- गाय के गोबर से बने दीपक का महत्व बढ़ रहा है।
- इस बार लगभग दस लाख दीपक जलाए जाएंगे।
- गंगा महोत्सव का आयोजन भी होगा।
वाराणसी, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली की तैयारियां अपने चरम पर हैं। इस वर्ष लगभग दस लाख दीपक घाटों को रोशन करेंगे। गंगा-जमुनी तहजीब की एक अद्भुत मिसाल प्रस्तुत करते हुए, वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने इस पवित्र त्यौहार में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
ये महिलाएं गाय के गोबर से एक लाख दीपक तैयार कर रही हैं, जिन्हें देव दीपावली के अवसर पर घाटों पर जलाया जाएगा। पिछले 15 दिनों से लगभग 300 महिलाएं विभिन्न समूहों में मिलकर दीपक बना रही हैं। उनका कहना है कि उन्हें अपने हाथों से बनाई गई कलाकृतियों से वाराणसी को रोशन करने में योगदान देने पर गर्व है। यह पहल वाराणसी की एकता और सद्भाव की संस्कृति का एक अनूठा प्रतीक है।
भाजपा नेता हुमा बानो ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि हम एक लाख दीए बनाकर लोगों में बांटेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता खुर्शीदा बानो ने कहा, "हम पिछले 15 दिनों से गाय के गोबर से दीपक बना रहे हैं। इसके जरिए मैं हिंदू और मुसलमानों के बीच एकता का संदेश देना चाहती हूं।"
वाराणसी में भव्य देव दीपावली मनाने की परंपरा को जारी रखते हुए, उत्तर प्रदेश प्रशासन इस अवसर को और भी भव्य तरीके से मनाने की तैयारी कर रहा है।
इस बार देव दीपावली का उत्सव ऐतिहासिक और पर्यावरण के अनुकूल होने जा रहा है। शहर में 10 लाख से ज्यादा दीपक जलाए जाएंगे, जिनमें 1 लाख दीपक गोबर से बने होंगे। ये दीपक तालाबों, कुंडों और घाटों पर सजाए जाएंगे, जिससे काशी की रौनक और बढ़ेगी।
घाटों को आकर्षक रोशनी और सजावट से सजाया जा रहा है, साथ ही विशेष सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि काशी की सुंदरता और पवित्रता बनी रहे। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक इस अद्भुत नजारे को देखने वाराणसी पहुंचेंगे।
देव दीपावली से पहले, 1 से 4 नवंबर तक राजघाट पर चार दिन का गंगा महोत्सव होगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी कला दिखाएंगे।
हर साल देव दीपावली काशी को आस्था, संस्कृति और परंपरा का अनोखा मंच बनाती है। होटल, गेस्ट हाउस, नावें और क्रूज पहले ही बुक हो चुके हैं, क्योंकि लोग इस भव्य दृश्य को देखने के लिए उत्साहित हैं।