क्या विजयवाड़ा और काकीनाडा में मजदूर बनकर छिपे 31 माओवादी गिरफ्तार हुए?
सारांश
Key Takeaways
- 31 माओवादी गिरफ्तार हुए हैं।
- गिरफ्तारी में महिलाएं भी शामिल हैं।
- तलाशी अभियान विजयवाड़ा में चलाया गया।
- माओवादियों ने मजदूरों के रूप में शरण ली थी।
- सुरक्षा बलों की सक्रियता महत्वपूर्ण रही है।
विजयवाड़ा, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा और इसके आस-पास के क्षेत्रों में माओवादी तत्वों की उपस्थिति के चलते मंगलवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला। पुलिस ने छत्तीसगढ़ के कुछ प्रमुख नेताओं सहित कुल 31 माओवादी को गिरफ्तार किया।
विजयवाड़ा के कनुरू क्षेत्र के न्यू ऑटोनगर में एक चार मंजिला इमारत से 27 माओवादियों को हिरासत में लिया गया। इनमें से अधिकांश महिलाएं थीं, जिन्होंने कथित रूप से मजदूरों के रूप में छिपने की कोशिश की थी।
सुरक्षा बलों ने शहर में माओवादियों के छिपे होने की गुप्त सूचना मिलने के बाद व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
अतिरिक्त महानिदेशक (खुफिया) महेश चंद्र लड्ढा ने बताया कि कृष्णा जिले, विजयवाड़ा और काकीनाडा से कुल 31 माओवादियों की गिरफ्तारी हुई है।
क्योंकि छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर विजयवाड़ा और उसके आसपास, खासकर ऑटोनगर में विभिन्न कारखानों और लकड़ी के डिपो में काम कर रहे हैं, इसलिए माओवादियों ने किसी भी संदेह को टालने के लिए यहां छिपने का निर्णय लिया।
माओवादियों की गिरफ्तारी के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि क्या सुरक्षाकर्मियों ने कोई हथियार या विस्फोटक बरामद किया है।
सूत्रों के अनुसार, यह तलाशी अभियान मंगलवार को आंध्र-ओडिशा सीमा क्षेत्र के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए अभियान से संबंधित है, जिसमें शीर्ष कमांडर और भाकपा (माओवादी) केंद्रीय समिति के सदस्य हिडमा और उसकी पत्नी राजी सहित छह माओवादी मारे गए थे।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों के तेज अभियानों के कारण, ऐसा माना जा रहा है कि कई माओवादी आंध्र प्रदेश में घुस आए हैं।
एडीजी इंटेलिजेंस ने कहा कि वे पिछले एक महीने से माओवादियों की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं। कुछ माओवादियों और उनके समर्थकों के आंध्र प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में जाने का संदेह है।
पुलिस ऑटोनगर स्थित इमारत के मालिक से पूछताछ कर रही है और उन लोगों की पहचान करने का प्रयास कर रही है जिन्होंने माओवादियों और उनके समर्थकों को शरण दी थी। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या वे किसी हमले की योजना बना रहे थे।