क्या वक्फ कानून के खिलाफ विपक्ष की हुंकार से भाजपा परेशानी में है?

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष ने वक्फ कानून के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
- तेजस्वी यादव ने इसे समाप्त करने का वादा किया है।
- भाजपा ने शरिया कानून लागू करने का आरोप लगाया है।
- चुनाव आयोग पर हेराफेरी के आरोप लगे हैं।
- राजद ने निष्पक्ष चुनाव की मांग की है।
पटना, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच विपक्ष ने रविवार को पटना के गांधी मैदान में वक्फ कानून के खिलाफ एक सशक्त आवाज उठाई। राजद नेता तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी सरकार बनती है, तो वे वक्फ कानून को "कूड़ेदान में फेंक देंगे"। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दल शरिया कानून लागू करने की कोशिश कर रहा है और संविधान को "शरिया स्क्रिप्ट" में परिवर्तित करने की योजना बना रहा है। इस पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मृत्युंजय तिवारी ने भाजपा की बेचैनी को उजागर किया।
मृत्युंजय तिवारी ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि जब पटना के गांधी मैदान से वक्फ कानून के खिलाफ विपक्ष ने हुंकार भरी, तो भाजपा में बेचैनी का माहौल बन गया। अब भाजपा नेता हिंदू-मुसलमान के बीच नफरत का प्रचार कर रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए कि यह देश नफरत फैलाने वालों का नहीं है। यह देश अपने नियम, कानून और संविधान से चलेगा। भाजपा केवल नफरत फैलाने का काम कर रही है, जिससे आम लोग परेशान हैं।
एक सवाल के जवाब में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर आयोग हेराफेरी की योजना बना रहा है। उनकी मंशा नेक नहीं है। तेजस्वी यादव ने सही चिंता जताई है कि चुनाव आयोग को केंद्र सरकार के इशारों पर काम नहीं करना चाहिए और गरीबों, शोषितों, वंचितों और दलितों के मताधिकार का हनन नहीं होना चाहिए।
राजद नेता ने कहा कि चुनाव आयोग की छवि पर लगातार दाग लग रहा है, जो ठीक नहीं है। आयोग को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। हमारी मांग है कि चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव को निष्पक्ष ढंग से आयोजित करे। यदि वोटर लिस्ट में फर्जी मतदाता जोड़े गए और पहले से जुड़े मतदाता हटाए गए, तो बिहार इसे स्वीकार नहीं करेगा।