क्या योगी सरकार ने पीड़ित महिलाओं को सहारा दिया? 1,250 को वितरित किए 41.75 करोड़ रुपए

सारांश
Key Takeaways
- महिला सुरक्षा के लिए योगी सरकार की पहल
- जघन्य अपराध से प्रभावित महिलाओं को आर्थिक सहायता
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण प्रणाली का उपयोग
- सामाजिक पुनर्स्थापन का प्रयास
- पारदर्शी प्रक्रिया से योजना का संचालन
लखनऊ, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। योगी सरकार उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा, न्याय और सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नई दिशा में कदम बढ़ा रही है। राज्य सरकार द्वारा संचालित ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष’ के तहत प्रदेश में जघन्य अपराधों से प्रभावित महिलाओं को 1 से 10 लाख रुपए तक की क्षतिपूर्ति राशि दी जा रही है।
इस योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक सहायता प्रदान करना नहीं है, बल्कि पीड़िताओं को सम्मानजनक पुनर्स्थापन और मनोवैज्ञानिक संबल भी देना है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का बजटीय आवंटन किया गया है। इस राशि के तहत अब तक 1,250 पीड़ित महिलाओं और बालिकाओं को कुल 41.75 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि उनके या उनके परिजनों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भेजी जा चुकी है।
इससे पहले, वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी योगी सरकार ने 2,842 पीड़िताओं को 100 करोड़ रुपए की सहायता राशि सीधे उनके खातों में दी थी। यह आंकड़ा सरकार की प्रतिबद्धता और गंभीरता को दर्शाता है।
इस योजना की प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और त्वरित बनाने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समिति के माध्यम से प्रत्येक मामले की समीक्षा की जाती है। समिति की स्वीकृति के बाद, सरकार द्वारा मुख्यालय स्तर से सीधा फंड ट्रांसफर सुनिश्चित किया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं और बालिकाओं के प्रति अपराधों को न सिर्फ गंभीरता से ले रही है, बल्कि पीड़ितों को त्वरित न्याय और आर्थिक राहत भी प्रदान कर रही है।
‘रानी लक्ष्मीबाई सम्मान कोष’ इसके सबसे मज़बूत उदाहरणों में से एक है। यह कोष न केवल न्याय की प्रतीक्षा कर रही महिलाओं को आर्थिक सहायता देता है, बल्कि उन्हें नवजीवन जीने का हौसला, आत्मविश्वास और गरिमा भी प्रदान करता है।