क्या जुबीन गर्ग केस में उनके चचेरे भाई संदीपन गर्ग गिरफ्तार हुए?

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग के निधन ने पूरे देश को प्रभावित किया है।
- उनके चचेरे भाई संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया गया है।
- जांच एसआईटी और सीआईडी द्वारा की जा रही है।
- कई अन्य लोगों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने जांच को पारदर्शी बनाने का आदेश दिया है।
गुवाहाटी, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के प्रसिद्ध गायक जुबीन गर्ग के असामयिक निधन ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। उनकी मौत की जांच जारी है। इस मामले में अब उनके चचेरे भाई और असम पुलिस के अधिकारी संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले की जांच असम पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) और क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) द्वारा की जा रही है। एसआईटी ने इस मामले में बुधवार को पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, संदीपन गर्ग गुवाहाटी स्थित सीआईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने पेश हुए थे। इसके तुरंत बाद उनकी गिरफ्तारी हुई। उन्हें बुधवार को ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश किया जा सकता है।
दिवंगत गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग ने बताया कि वे सिंगापुर में उस नाव पर थे जहां जुबीन गर्ग की मृत्यु हुई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि उन्होंने इस सप्ताह एसआईटी के साथ लंबी पूछताछ के दौरान पूरा सहयोग किया था।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले की जांच को पारदर्शी और शीघ्रता से पूरा करने का आदेश दिया है। एसआईटी ने संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी से पहले चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
1 अक्टूबर को, एसआईटी ने जुबीन गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ सरमा और कार्यक्रम आयोजक श्यामकानु महंत को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने सिंगापुर में उस संगीत समारोह का आयोजन किया था। दोनों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
इसके बाद, जुबीन गर्ग के दो बैंडमेट्स- संगीतकार शेखर ज्योति गोस्वामी और गायिका अमृतप्रभा महंत को भी हिरासत में ले लिया गया और आगे की पूछताछ के लिए 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया।
सूत्रों के अनुसार, जुबीन गर्ग के बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि गायक को उनके प्रबंधक सिद्धार्थ सरमा और श्यामकानु महंत ने जहर दिया था।
दूसरी ओर, जुबीन गर्ग की पत्नी ने एक इंटरव्यू में उनकी मौत पर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब प्रबंधक वहां मौजूद था तो जुबीन की सेहत का ध्यान क्यों नहीं रखा गया। वह पिछले टूर से थक गए थे, फिर भी उन्हें स्कूबा डाइविंग के लिए मजबूर किया गया।