क्या अदाणी टोटल गैस की आय वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 19 प्रतिशत बढ़ी?
सारांश
Key Takeaways
- कंपनी की आय में 19 प्रतिशत की वृद्धि
- सीएनजी और पीएनजी वॉल्यूम में 16 प्रतिशत का इजाफा
- सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़कर 662 हुई
- चार्जर्स की संख्या 4,209 तक पहुँची
- लॉन्ग टर्म क्रेडिट रेटिंग 'एए+ (स्टेबल)'
अहमदाबाद, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की प्रमुख ऊर्जा कंपनियों में से एक अदाणी टोटल गैस लिमिटेड (एटीजीएल) ने मंगलवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में कंपनी की आय में सालाना आधार पर 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो कि 1,569 करोड़ रुपए हो गई है। इस अवधि में कंपनी की सीएनजी और पीएनजी की संयुक्त वॉल्यूम में 16 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में अदाणी ग्रुप की कंपनी के सीएनजी स्टेशनों की संख्या 662 हो गई है। इसी तरह, पीएनजी कनेक्शनों की संख्या 10.20 लाख तक पहुंच गई है।
इंडस्ट्रियल और कमर्शियल कनेक्शनों की संख्या 9,603 हो गई है, जिसमें सितंबर तिमाही में 147 की वृद्धि दर्ज की गई है।
एटीजीएल के सीईओ और ईडी सुरेश पी मंगलानी ने कहा, "टीम एटीजीएल ने एक बार फिर प्रभावशाली आंकड़े पेश किए हैं, जिसमें 16 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ, 20 प्रतिशत की आय वृद्धि (वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में) और 603 करोड़ रुपए का ईबीआईडीटीए शामिल है।" उन्होंने बताया कि एपीएम और एनडब्ल्यूजी गैस की संयुक्त आपूर्ति वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 70 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में 59 प्रतिशत रह गई है।
एटीजीएल ने बताया कि कंपनी द्वारा लगाए गए चार्जर्स की संख्या 4,209 हो गई है। एक्सचेंज रेट में वृद्धि और उच्च गैस लागत के बावजूद, एटीजीएल ने कैलिब्रेटेड प्राइसिंग स्ट्रेटेजी और ओपेक्स ऑप्टिमाइजेशन के माध्यम से मात्रा में वृद्धि की, जिससे वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में 302 करोड़ रुपए का ईबीआईटीडीए प्राप्त हुआ।
मंगलानी ने कहा, "सीएनजी सेगमेंट के लिए एपीएम गैस आवंटन से जुड़ी बदलती स्थिति पर हमारी कड़ी नजर है, लेकिन हमारा विविधीकृत गैस सोर्सिंग पोर्टफोलियो हमें एक कैलिब्रेटेड प्राइसिंग एप्रोच अपनाने में सक्षम बनाता है।"
आईसीआरए ने एटीजीएल की लॉन्ग टर्म क्रेडिट रेटिंग को 'एए+ (स्टेबल)' कर दिया है, जबकि क्रिसिल और केयर ने नई एए+ (स्टेबल) रेटिंग दी है।
मंगलानी ने कहा, "ये रेटिंग एटीजीएल के बढ़ते पैमाने, मजबूत पैरेंटेज, अच्छी वॉल्यूम ग्रोथ, मजबूत गैस सोर्सिंग व्यवस्था और मजबूत वित्तीय प्रोफाइल के बारे में एजेंसियों के सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती हैं।"