क्या भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स आउटपुट बीते एक दशक में 6 गुना बढ़ा है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 2025 में 128 अरब डॉलर तक पहुँच जाएगा।
- मोबाइल फोन ने डिजिटल यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत में 25 लाख से अधिक रोजगार के अवसर बने हैं।
- सरकारी नीतियों ने वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया है।
- भारत अब एक स्मार्टफोन निर्यातक बन गया है।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीते एक दशक में भारत के टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल सेक्टर में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है और देश ने एक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात केंद्र के रूप में विश्व में अपनी पहचान बनाने में सफलता हासिल की है।
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत कभी दुनिया के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स आयातकों में से एक था, लेकिन अब यह इलेक्ट्रॉनिक्स और मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।
इस लेख में बताया गया है कि देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात पिछले 10 वर्षों में छ गुना बढ़कर 2025 में 128 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि 2015 में यह केवल 21 अरब डॉलर था।
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में इस वृद्धि का कारण मजबूत सरकारी समर्थन, टेक्नोलॉजी में सुधार, कुशल कार्यबल और वैश्विक निवेशकों का बढ़ता विश्वास है।
इस क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में लगभग 25 लाख रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और यह देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति (एनपीई) 2019 और इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) जैसी पहलों ने बड़ी वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया है और घरेलू नवाचार को बढ़ावा दिया है।
मोबाइल फोन ने भारत की डिजिटल यात्रा में एक केंद्रीय भूमिका निभाई है। आज, 85 प्रतिशत से अधिक भारतीय परिवारों के पास स्मार्टफोन हैं।
सस्ते हैंडसेट, किफायती इंटरनेट डेटा और विकसित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने लाखों लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल होने का अवसर प्रदान किया है।
यूपीआई, डिजिलॉकर और आधार-सक्षम सेवाओं जैसे प्लेटफॉर्म ने दूरदराज के क्षेत्रों में भी डिजिटल पहुंच को सरल बना दिया है।
देश ने पिछले एक दशक में मोबाइल उत्पादन में भी तेजी से प्रगति की है। देश के मोबाइल उत्पादन का मूल्य 2024-25 में बढ़कर 62 अरब डॉलर हो जाएगा, जबकि 2014-15 में यह केवल 2 अरब डॉलर था।
इसी तरह, देश का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 2024-25 में बढ़कर 37 अरब डॉलर हो जाएगा, जो कि 2014-15 में 4.3 अरब डॉलर था।
भारत अब मोबाइल उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है और वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में संयुक्त राज्य अमेरिका को शीर्ष स्मार्टफोन निर्यातक बना दिया है।