क्या भारत अब 23 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक स्वर्ण बाजार का 15 प्रतिशत हिस्सा रखता है?

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क्या भारत अब 23 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक स्वर्ण बाजार का 15 प्रतिशत हिस्सा रखता है?

सारांश

वैश्विक स्वर्ण बाजार में भारत का हिस्सा बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि भारत में सोने का भंडार और उसकी मांग में वृद्धि हो रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।

Key Takeaways

  • भारत अब वैश्विक सोने के बाजार का 15 प्रतिशत हिस्सा रखता है।
  • सोने के बाजार का कुल आकार 23 ट्रिलियन डॉलर है।
  • केंद्रीय बैंकों ने हर साल लगभग 1,000 टन सोना खरीदा है।
  • भारत के पास कुल 880 मीट्रिक टन सोना है।
  • सोने की मांग में वृद्धि सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख को दर्शाती है।

नई दिल्ली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 12.5 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि सोने का बाजार वर्तमान में 23 ट्रिलियन डॉलर का है, जिसमें से 15 प्रतिशत भारत में है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

डीएसपी म्यूचुअल फंड की जुलाई 2025 की नेत्रा रिपोर्ट के अनुसार, अब तक निकाले गए कुल सोने में से 65 प्रतिशत आभूषणों के रूप में है और वैश्विक भंडार का मात्र 5 प्रतिशत सोने में स्थानांतरित होने से इसकी कीमत में निरंतर और महत्वपूर्ण उछाल आ सकता है।

केंद्रीय बैंक के सोने के भंडार में वृद्धि हो रही है और उन्होंने पिछले 21 वर्षों की तुलना में पिछले चार वर्षों में अधिक सुरक्षित-संपत्तियां खरीदी हैं।

2000 से 2016 तक केंद्रीय बैंक द्वारा की गई सोने की खरीद कुल 85 बिलियन डॉलर थी। लेकिन एक ही वर्ष, 2024 में, केंद्रीय बैंकों ने 84 बिलियन डॉलर का सोना खरीदा।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से, केंद्रीय बैंकों ने हर साल लगभग 1,000 टन कीमती धातु खरीदी है, जो सोने की वार्षिक खनन आपूर्ति का एक चौथाई से भी अधिक है।

सोने की खरीद का यह सिलसिला अधिकांश देशों की गैर-डॉलर आरक्षित परिसंपत्तियों को रखने की रुचि को दर्शाता है।

अमेरिकी ट्रेजरी बॉंड की अस्थिर प्रकृति ने सोने को केंद्रीय बैंकों के लिए अधिक आकर्षक साधन बना दिया है। इसलिए, रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल सोने की मांग मजबूत है।

नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में भारतीय रिजर्व बैंक के पास कुल 880 मीट्रिक टन सोना है। देश ने वित्त वर्ष 2026 में अभी तक अपने सोने के भंडार में कुछ नहीं जोड़ा है, संभवतः भारत भू-राजनीतिक और व्यापार अनिश्चितताओं के बीच पांच वर्षों में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करने वाली सुरक्षित-संपत्ति की कीमतों में नरमी का इंतजार कर रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "आर्थिक और मौद्रिक संघ (ईएमयू) की खराब वित्तीय स्थिति के कारण यूरो ने बार-बार कमजोरियां दिखाई हैं। चीनी युआन बाजार-संचालित या राजनीतिक रूप से रिजर्व मुद्रा बनने के लिए पर्याप्त रूप से स्वीकार्य नहीं है।"

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि परिचालन नकदी प्रवाह में निरंतर मजबूती के परिणामस्वरूप भारत में ऑपरेटिंग कैश फ्लो (ओसीएफ) मार्जिन में वृद्धि हुई है, जो पूंजी आवंटन और कॉर्पोरेट प्रशासन दोनों के दृष्टिकोण से एक सकारात्मक संकेतक है।

Point of View

यह रिपोर्ट भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक स्वर्ण बाजार में हमारे देश की स्थिति को दर्शाती है। यह न केवल हमारे आर्थिक स्थिरता को दिखाता है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत ने सुरक्षित संपत्तियों की खरीद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का सोने का भंडार कितना है?
भारत में भारतीय रिजर्व बैंक के पास कुल 880 मीट्रिक टन सोना है।
वैश्विक सोने का बाजार कितना बड़ा है?
वैश्विक सोने का बाजार वर्तमान में 23 ट्रिलियन डॉलर का है।
केंद्रीय बैंकों ने पिछले चार वर्षों में कितना सोना खरीदा है?
केंद्रीय बैंकों ने पिछले चार वर्षों में अधिक सुरक्षित-संपत्तियां खरीदी हैं।
भारत में सोने की मांग क्यों बढ़ रही है?
भारत में सोने की मांग बढ़ रही है क्योंकि निवेशक सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं।
सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण क्या है?
सोने की कीमतों में वृद्धि का कारण केंद्रीय बैंकों द्वारा अधिक सोने की खरीद है।