क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.49 अरब डॉलर बढ़कर 695.11 अरब डॉलर हुआ?

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क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.49 अरब डॉलर बढ़कर 695.11 अरब डॉलर हुआ?

सारांश

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.49 अरब डॉलर बढ़कर 695.11 अरब डॉलर हो गया है। जानिए इस बढ़ोतरी के पीछे की वजहें और इसका अर्थव्यवस्था पर प्रभाव क्या है।

Key Takeaways

  • विदेशी मुद्रा भंडार 695.11 अरब डॉलर तक बढ़ा है।
  • आरबीआई ने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाया है।
  • भारत का निर्यात 7.29% बढ़ा है।
  • विदेशी मुद्रा आस्तियों में 1.92 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।

मुंबई, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 15 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में 1.49 अरब डॉलर बढ़कर 695.11 अरब डॉलर तक पहुँच गया है। यह जानकारी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को साझा की गई।

इससे पहले, 8 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.75 अरब डॉलर बढ़कर 693.62 अरब डॉलर हो गया था, जो दर्शाता है कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी हुई है।

विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए की गिरावट को रोकने और उसकी अस्थिरता को कम करने के लिए अधिक डॉलर जारी करके हाजिर और अग्रिम मुद्रा बाजारों में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है।

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षा अवधि में विदेशी मुद्रा के महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियों की वैल्यू 1.92 अरब डॉलर बढ़कर 585.9 अरब डॉलर हो गई है।

विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी इकाइयों के मूल्य में वृद्धि या ह्रास का प्रभाव डॉलर के रूप में शामिल होता है।

विदेशी मुद्रा भंडार का एक और महत्वपूर्ण घटक गोल्ड रिजर्व की वैल्यू 85.67 अरब डॉलर रही है। भू-राजनीतिक तनावों के कारण उत्पन्न अनिश्चितता के बीच, विश्व के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सुरक्षित निवेश के रूप में गोल्ड के रिजर्व को तेजी से बढ़ा रहे हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने के शेयर को 2021 से लगभग दोगुना कर दिया है।

15 अगस्त को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में विशेष आहरण अधिकार की वैल्यू 18.78 अरब डॉलर थी।

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने से अधिक के माल आयात और लगभग 96 प्रतिशत बकाया विदेशी ऋण के लिए पर्याप्त है।

इस गुरुवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में भारत का व्यापारिक निर्यात 7.29 प्रतिशत बढ़कर 37.24 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 34.71 अरब डॉलर था। यह बाह्य क्षेत्र की मजबूती को दर्शाता है।

वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा, "अनिश्चित वैश्विक नीतिगत माहौल के बावजूद, जुलाई और वित्त वर्ष 2026 में भारत के सेवा और व्यापारिक निर्यात में अब तक मजबूत वृद्धि हुई है और यह वैश्विक निर्यात वृद्धि से कहीं अधिक है।"

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार न केवल आर्थिक स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि यह वैश्विक बाजार में भी हमारी स्थिति को मजबूत बनाता है। देश की आर्थिक नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन और मजबूत व्यापारिक निर्यात हमें एक नई दिशा में ले जा रहा है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार क्या है?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वह राशि है जो देश के पास विदेशी मुद्रा के रूप में होती है, जो वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का क्या महत्व है?
आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से रुपए की स्थिरता बनी रहती है और यह अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन में मदद करता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में गोल्ड रिजर्व का क्या योगदान है?
गोल्ड रिजर्व विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो आर्थिक अनिश्चितताओं के समय में सुरक्षित निवेश के रूप में काम करता है।