क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.54 अरब डॉलर बढ़कर 692.58 अरब डॉलर हो गया?

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क्या भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.54 अरब डॉलर बढ़कर 692.58 अरब डॉलर हो गया?

सारांश

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.54 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 692.58 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। यह वृद्धि गोल्ड कंपोनेंट की कीमतों में उछाल को दर्शाती है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी बढ़ी है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं विशेषज्ञ।

Key Takeaways

  • भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 692.58 अरब डॉलर हो गया है।
  • गोल्ड कंपोनेंट की वैल्यू 106.86 बिलियन डॉलर तक पहुंची है।
  • आरबीआई के गवर्नर ने कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार पर्याप्त है।
  • सोने की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत हो गई है।
  • सोने की कीमतों में 65 प्रतिशत का उछाल है।

मुंबई, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में 5.54 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 692.58 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

यह वृद्धि देश के फॉरेक्स में गोल्ड कंपोनेंट की कीमत में उछाल के साथ देखी गई है, जो कि 5.34 बिलियन डॉलर से बढ़कर 106.86 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है।

आरबीआई की गोल्ड की वैल्यू ग्लोबल मार्केट में प्राइस मूवमेंट के आधार पर निर्धारित होती है, इसलिए यह वृद्धि ग्लोबल गोल्ड की कीमतों में बढ़त को दर्शाती है।

लेटेस्ट डेटा के अनुसार, फॉरेक्स रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा, फॉरेन करेंसी एसेट्स, 152 मिलियन डॉलर की वृद्धि के बाद 562.29 बिलियन डॉलर तक पहुंच गए हैं। वहीं, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स 56 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के बाद 18.65 बिलियन डॉलर हो गए हैं। आईएमएफ के पास रिजर्व भी 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.78 बिलियन डॉलर हो चुका है।

आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व को लेकर कहा, "फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 11 महीने से अधिक के सामान के आयात और लगभग 96 प्रतिशत एक्सटर्नल डेट को फंड करने के लिए पर्याप्त है।"

उन्होंने कहा, "भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है और हमें भरोसा है कि हम अपनी एक्सटर्नल फाइनेसिंग जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।"

मार्केट एनालिस्ट बताते हैं कि भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में पिछले 10 वर्षों में सोने की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई है। जो कि 7 प्रतिशत से भी कम थी और अब 15 प्रतिशत हो चुकी है, यह केंद्रीय बैंक की लगातार जमा और ग्लोबल बुलियन प्राइस के बढ़ने को दर्शाता है।

सोने की कीमतों की बात करें तो 2025 में पीली धातु की कीमत में 65 प्रतिशत तक का उछाल दर्ज किया जा चुका है। मिडिल ईस्ट में बढ़ती भू-राजनैतिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी के बीच सेफ हेवन एसेट को लेकर सोने की मांग बढ़ने से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक मजबूत संकेत है कि हमारी अर्थव्यवस्था स्थिरता की ओर बढ़ रही है। आरबीआई की नीतियाँ और वैश्विक बाजारों में सोने की बढ़ती मांग हमें यह दर्शाती है कि हम आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार कितना बढ़ा?
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.54 अरब डॉलर बढ़कर 692.58 अरब डॉलर हो गया है।
गोल्ड कंपोनेंट की वैल्यू में कितनी वृद्धि हुई?
गोल्ड कंपोनेंट की वैल्यू 5.34 बिलियन डॉलर से बढ़कर 106.86 बिलियन डॉलर हो गई है।
आरबीआई का क्या कहना है?
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि विदेश मुद्रा भंडार 11 महीने से अधिक के सामान के आयात के लिए पर्याप्त है।
भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी कितनी है?
भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत हो चुकी है।
सोने की कीमतों में क्या बदलाव आया है?
सोने की कीमतों में 2025 तक 65 प्रतिशत तक का उछाल दर्ज किया गया है।
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