क्या 2026 में घरेलू मांग में वृद्धि से भारत के विकास की गति तेज होगी?

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क्या 2026 में घरेलू मांग में वृद्धि से भारत के विकास की गति तेज होगी?

सारांश

क्या 2026 में घरेलू मांग में वृद्धि से भारत के विकास की गति तेज होगी? यह जानने के लिए पढ़ें कि कैसे मौद्रिक नीतियों और सरकारी उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।

Key Takeaways

  • घरेलू मांग में वृद्धि से विकास की गति तेज होगी।
  • आरबीआई ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
  • GDP विकास दर 6.5% तक पहुँचने की उम्मीद।
  • निजी क्षेत्र में निवेश की वृद्धि।
  • टैक्स रिफॉर्म से मध्यम वर्ग को राहत।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का आर्थिक विकास 2026 में भी तेजी से आगे बढ़ेगा, जो कि घरेलू मांग में वृद्धि के कारण है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई।

मॉर्गन स्टेनली द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, मैक्रो इंडिकेटर्स स्थिर बने हुए हैं, जिससे नीति निर्माताओं को मौद्रिक और राजकोषीय उपायों के माध्यम से विकास को समर्थन देने के लिए पर्याप्त गुंजाइश मिल रही है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का विकास इंजन मुख्य रूप से मजबूत घरेलू खर्च और बढ़ते निजी निवेश से संचालित होगा।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खपत में वृद्धि की उम्मीद के साथ, वित्त वर्ष 2027-28 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।

कृषि आय में वृद्धि के चलते ग्रामीण मांग पहले से ही मजबूत है, जबकि कमजोर शहरी मांग अब नीतिगत समर्थन के साथ फिर से मजबूत हो रही है।

नीतिगत मोर्चे पर, मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है, जिससे रेपो रेट 5.25 प्रतिशत पर आ जाएगी।

ग्लोबल निवेश बैंक ने कहा कि इस कटौती के बाद ब्याज दरों में कमी पर ब्रेक लग सकता है और कुछ समय के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों के प्रभाव की समीक्षा कर सकता है।

हालांकि, इस दौरान सरकार का ध्यान पूंजीगत व्यय और राजकोषीय समेकन पर केंद्रित रहने की उम्मीद है, जिससे अर्थव्यवस्था की गति बनी रहेगी।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वैश्विक कारक जैसे भूराजनीतिक उतार-चढ़ाव, और अमेरिकी नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख चुनौतियां हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार के टैक्स रिफॉर्म से मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है, जिससे लोगों की खर्च योग्य क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

जैसे-जैसे व्यवसायों में विश्वास बढ़ेगा, निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है, जिससे रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा और उपभोग में और मजबूती आएगी।

Point of View

सरकारी नीतियों और निवेश के बढ़ते स्तर से भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत की GDP विकास दर क्या होगी?
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2027-28 में भारत की GDP विकास दर 6.5 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
आरबीआई ब्याज दरों में क्या बदलाव करेगा?
मॉर्गन स्टेनली का अनुमान है कि आरबीआई दिसंबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है।
क्या ग्रामीण मांग में वृद्धि हो रही है?
जी हां, कृषि आय में वृद्धि के कारण ग्रामीण मांग पहले से ही मजबूत है।
भारत में निवेश कैसे बढ़ेगा?
व्यवसायों में विश्वास बढ़ने से निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है।
भारत सरकार के टैक्स रिफॉर्म का क्या प्रभाव होगा?
टैक्स रिफॉर्म से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और खर्च योग्य क्षमता बढ़ेगी।
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