क्या भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष में 21,000 करोड़ रुपए रहेगा?

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क्या भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष में 21,000 करोड़ रुपए रहेगा?

सारांश

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की घरेलू एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष में 20,000 से 21,000 करोड़ रुपए के बीच रहने का अनुमान है। यह रिपोर्ट कई महत्वपूर्ण कारकों की चर्चा करती है जो एयरलाइन उद्योग को प्रभावित कर रहे हैं। जानिए इसके पीछे की वजहें और भविष्य के अनुमान।

Key Takeaways

  • भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 20,000 से 21,000 करोड़ रुपए के बीच है।
  • दूसरी छमाही में तेज वृद्धि की उम्मीद है।
  • पहली तिमाही में डिमांड में कमी आई है।
  • कुछ एयरलाइनों की क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।
  • यात्री यातायात वृद्धि दर में कमी आई है।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत की घरेलू एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) में 20,000 करोड़ रुपए से लेकर 21,000 करोड़ रुपए के बीच रहने का अनुमान है। यह जानकारी गुरुवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।

क्रिसिल रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि "वार्षिक विमान ट्रैफिक का वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में हिस्सा 50-55 प्रतिशत के बीच होता है और इसमें तेज वृद्धि की संभावना है।"

रिपोर्ट में बताया गया कि पहली तिमाही में डिमांड में कमी और यील्ड में अनुमानित गिरावट के कारण इस वित्त वर्ष में वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष के 23,500 करोड़ रुपए की तुलना में मध्यम रहने की उम्मीद है।

यह कोविड-19 महामारी के बाद के तीन वित्तीय वर्षों में देखी गई मजबूत रिकवरी के विपरीत है।

रिपोर्ट के अनुसार, कम परिचालन लाभ के कारण, एयरलाइनों के लोन मीट्रिक इस वित्तीय वर्ष में कम होंगे। हालाँकि, कुछ एयरलाइनों की बेहतर तरलता और नियोजित इक्विटी निवेश के कारण क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।

रिपोर्ट में कहा गया कि इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में, उद्योग को दो चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहला, भारत की पश्चिमी सीमा पर तनाव के कारण कई हवाई अड्डों पर एक सप्ताह के लिए परिचालन बंद होना, जिसके परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा और उड़ान का समय बढ़ गया।

दूसरा, जून में हुई एक बड़ी विमान दुर्घटना के कारण डिमांड सेंटीमेंट कमजोर हुआ और प्रभावित एयरलाइन को कड़ी सुरक्षा जांच के कारण क्षमता में कटौती करनी पड़ी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण डिमांड में कमी आई और क्षमता का उपयोग कम हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पहली तिमाही में यात्री यातायात वृद्धि दर घटकर 5.2 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 7.1 प्रतिशत थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 26 की दूसरी छमाही में इसमें तेजी वृद्धि देखने को मिल सकती है, क्योंकि चिंताएं धीरे-धीरे कम हो रही हैं, जिससे इस वित्त वर्ष में यातायात वृद्धि 7-9 प्रतिशत रहने की संभावना है, जो पिछले वित्त वर्ष में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि के अनुरूप है।

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक गौतम शाही ने कहा, "इस वित्त वर्ष में यील्ड में कमी मुख्यतः पहली तिमाही में कम मांग के कारण है। पिछले वित्त वर्ष में 3 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में पैसेंजर यील्ड में 2-4 प्रतिशत की गिरावट देखी जा रही है।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की एयरलाइन उद्योग महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है, लेकिन सकारात्मक संकेत भी हैं। हमें इस क्षेत्र में बेहतर भविष्य की उम्मीद करनी चाहिए, विशेषकर दूसरी छमाही में। यह रिपोर्ट हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक जानकारी देती है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट क्या है?
भारत की एयरलाइन इंडस्ट्री का ऑपरेटिंग प्रॉफिट चालू वित्त वर्ष में 20,000 से 21,000 करोड़ रुपए के बीच रहने का अनुमान है।
इस रिपोर्ट का स्रोत क्या है?
यह रिपोर्ट क्रिसिल रेटिंग्स द्वारा जारी की गई है।
क्या एयरलाइन इंडस्ट्री में डिमांड में कमी आई है?
हां, पहली तिमाही में डिमांड में कमी आई है, जिसके कारण यात्री यातायात वृद्धि दर भी घटी है।
क्या भविष्य में एयरलाइन इंडस्ट्री में सुधार होगा?
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी छमाही में यातायात वृद्धि में सुधार की उम्मीद है।
क्या कोविड-19 का प्रभाव अभी भी है?
हाँ, कोविड-19 के बाद की रिकवरी अभी भी जारी है, लेकिन एयरलाइनों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।