क्या आसियान देशों की भारत के वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी 11 प्रतिशत है?

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क्या आसियान देशों की भारत के वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी 11 प्रतिशत है?

सारांश

भारत ने आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता की 10वीं बैठक की मेज़बानी की, जहाँ आसियान देशों की हिस्सेदारी वैश्विक व्यापार में 11 प्रतिशत बताई गई। यह बैठक 10-14 अगस्त, 2025 को नई दिल्ली में हुई। जानें, इस बैठक के महत्वपूर्ण बिंदुओं और भविष्य के व्यापारिक संबंधों के बारे में।

Key Takeaways

  • आसियान देशों की भारत के व्यापार में हिस्सेदारी 11 प्रतिशत है।
  • 10वीं एआईटीआईजीए बैठक 10-14 अगस्त, 2025 को हुई।
  • बैठक में हाइब्रिड प्रारूप का उपयोग किया गया।
  • आसियान के दस सदस्य देशों ने भाग लिया।
  • द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 123 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने 10 से 14 अगस्त, 2025 के बीच नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए) संयुक्त समिति की 10वीं बैठक और संबंधित बैठकों की मेजबानी की। आसियान देशों की भारत के वैश्विक व्यापार में लगभग 11 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। यह जानकारी शुक्रवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा साझा की गई।

सरकार ने बताया कि हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित इन बैठकों की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अपर सचिव नितिन कुमार यादव और मलेशिया के निवेश, व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय की उप महासचिव (व्यापार) मस्तूरा अहमद मुस्तफा ने की।

आसियान के सभी दस सदस्य देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया।

आसियान देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

संयुक्त समिति ने एआईटीआईजीए की वर्तमान समीक्षा को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे इसकी प्रभावशीलता, सुलभता और व्यापार की सुगमता से जुड़ी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। साथ ही वार्ता के आठ सक्रिय दौरों में हुई प्रगति पर चर्चा की गई।

एआईटीआईजीए संयुक्त समिति के तहत आठ उप-समितियों में से सात की बैठकें हुईं, जिसमें सीमा शुल्क प्रक्रिया एवं व्यापार सुविधा उप-समिति (एससी-सीपीटीएफ), कानूनी एवं संस्थागत मुद्दे से संबंधित उप-समिति (एससी-एलआईआई), राष्ट्रीय उपचार एवं बाजार की सुलभता उप-समिति (एससी-एनटीएमए), स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उप-समिति (एससी-एसपीएस), उत्पत्ति नियम संबंधी उप-समिति (एससी-आरओओ), मानक, तकनीकी विनियम एवं अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं से संबंधित उप-समिति (एससी-एसटीआरएसीएपी) और व्यापार उपचार उप-समिति (एससी-टीआर) शामिल हैं।

इन बैठकों ने एआईटीआईजीए को अपटेड करने के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप गहन सहयोग का एक मंच प्रदान किया।

आसियान भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार बना हुआ है, जो भारत के वैश्विक व्यापार के लगभग 11 प्रतिशत हिस्से का योगदान देता है।

वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 123 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो दोनों पक्षों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों को दर्शाता है और आने वाले वर्षों में सहयोग बढ़ाने के अवसर पैदा करता है।

एआईटीआईजीए संयुक्त समिति की अगली बैठक 6-7 अक्टूबर 2025 को इंडोनेशिया के जकार्ता स्थित आसियान सचिवालय में निर्धारित है और इसकी मेजबानी मलेशिया करेगा।

Point of View

बल्कि आसियान देशों के साथ भी सामंजस्य स्थापित होगा।
NationPress
20/08/2025

Frequently Asked Questions

आसियान देशों की भारत के व्यापार में हिस्सेदारी कितनी है?
आसियान देशों की भारत के वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत है।
एआईटीआईजीए की अगली बैठक कब होगी?
एआईटीआईजीए की अगली बैठक 6-7 अक्टूबर 2025 को जकार्ता, इंडोनेशिया में होगी।
आसियान में कौन से देश शामिल हैं?
आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।
इस बैठक का उद्देश्य क्या था?
इस बैठक का उद्देश्य एआईटीआईजीए की समीक्षा करना और व्यापार की सुगमता को बढ़ाना था।
भारत और आसियान का द्विपक्षीय व्यापार कितना है?
वर्ष 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार 123 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।