क्या अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि से भारत की विकास दर पर कोई असर होगा?

सारांश
Key Takeaways
- एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का कहना है कि नए अमेरिकी टैरिफ का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा।
- भारत का अमेरिका को निर्यात केवल 2 प्रतिशत है।
- महत्वपूर्ण निर्यात क्षेत्रों को इन टैरिफ से छूट मिली है।
- भारत की जीडीपी 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
- भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 186 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है।
नई दिल्ली, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा निर्यात पर लगाए गए नए अमेरिकी टैरिफ भारत की आर्थिक वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे और न ही देश की सकारात्मक सॉवरेन रेटिंग आउटलुक पर इसका कोई असर होगा। यह जानकारी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने बुधवार को साझा की।
पिछले वर्ष मई में, एसएंडपी ने भारत की सॉवरेन रेटिंग 'बीबीबी-' को मजबूत और स्थिर आर्थिक विकास के आधार पर सकारात्मक किया था।
राष्ट्रपति ट्रंप ने 6 अगस्त को सभी भारतीय आयातों पर मौजूदा 25 प्रतिशत शुल्क के अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इससे 27 अगस्त से कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो जाएगा।
व्हाइट हाउस ने कहा कि यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की निरंतर खरीद के जवाब में उठाया गया है।
एशिया-प्रशांत सॉवरेन रेटिंग्स पर एक वेबिनार में बोलते हुए, एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की निदेशक यीफार्न फुआ ने कहा कि भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह एक निर्यात केंद्रित अर्थव्यवस्था नहीं है।
उन्होंने बताया कि अमेरिका को भारत का निर्यात उसके सकल घरेलू उत्पाद का केवल लगभग 2 प्रतिशत है।
उन्होंने आगे कहा कि फार्मास्यूटिकल्स और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख निर्यात क्षेत्र इन शुल्कों से मुक्त हैं।
उन्होंने कहा, "लंबी अवधि में, हमें नहीं लगता कि इससे भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा असर पड़ेगा और इसलिए भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण बना हुआ है।"
एसएंडपी को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी पिछले वर्ष के समान 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।
यीफार्न ने आगे बताया कि कई वैश्विक कंपनियां 'चीन प्लस वन' रणनीति के तहत भारत में परिचालन स्थापित कर रही हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से अमेरिका को निर्यात पर निर्भर रहने के बजाय बड़े घरेलू बाजार में आपूर्ति पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि भारत का बढ़ता मध्यम वर्ग निवेशकों के लिए एक बड़ा आकर्षण है। अमेरिका वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 186 अरब अमेरिकी डॉलर का था। भारत ने अमेरिका को 86.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की वस्तुओं का निर्यात किया, जबकि आयात 45.3 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा।
भारत ने बीते वित्त वर्ष के दौरान अमेरिका के साथ 41 अरब अमेरिकी डॉलर का ट्रेड सरप्लस भी बनाए रखा था।
-राष्ट्र प्रेस
एबीएस/