क्या 'मेक इन इंडिया' ने आईफोन के निर्यात में बड़ा योगदान दिया है?

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क्या 'मेक इन इंडिया' ने आईफोन के निर्यात में बड़ा योगदान दिया है?

सारांश

भारत में 'मेक इन इंडिया' के प्रयासों का असर दिख रहा है, जहां आईफोन का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया है। यह न केवल भारत की आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक बाजार में भारतीय निर्मित उत्पादों की विश्वसनीयता को भी साबित करता है।

Key Takeaways

  • भारत का आईफोन निर्यात अप्रैल-सितंबर में 10 अरब डॉलर तक पहुंचा।
  • पिछले वर्ष की तुलना में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
  • आईटी मंत्री ने विश्वसनीयता का उल्लेख किया।
  • स्मार्टफोन निर्यात ने नया रिकॉर्ड बनाया।
  • फेस्टिव सीजन में प्रीमियम स्मार्टफोन की बिक्री बढ़ने की संभावना।

नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत से आईफोन का निर्यात अप्रैल-सितंबर अवधि में लगभग 10 अरब डॉलर या 88,500 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। यह जानकारी उद्योग द्वारा साझा की गई है।

यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा, "भारत में निर्मित उत्पादों पर पूरी दुनिया का विश्वास बढ़ रहा है।"

उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, एप्पल ने अकेले सितंबर में 1.25 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का निर्यात किया, जो पिछले वर्ष इसी महीने में किए गए 49 करोड़ डॉलर के निर्यात से काफी अधिक है।

उद्योग अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 26 के पहले पांच महीनों में भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो एक नया रिकॉर्ड है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) की इसी अवधि के 64,500 करोड़ रुपए की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक है।

इससे पहले इंटरनेशनल डेटा कॉर्पोरेशन (आईडीसी) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत का स्मार्टफोन बाजार 2025 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 2 प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जिसमें कुल 6 करोड़ यूनिट्स की शिपमेंट हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया कि 50,000 रुपए से अधिक कीमत वाले प्रीमियम स्मार्टफोन ने ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि 10,000-20,000 रुपए का मिड-रेंज सेगमेंट कुल बिक्री में सबसे बड़ा रहा।

रिपोर्ट के अनुसार, "क्षेत्रीय स्तर पर, उत्तरी राज्यों ने 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बाजार में नेतृत्व किया, जबकि दक्षिणी क्षेत्र में सबसे तेज वृद्धि हुई है।"

शिपमेंट में 35 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि के साथ एप्पल सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड बनकर उभरा है।

साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) की एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले फेस्टिव सीजन में भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन की बिक्री सालाना आधार पर 18 प्रतिशत बढ़ सकती है। साथ ही मार्केट वैल्यू में 24 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिल सकता है।

प्रीमियम सेगमेंट, सुपर-प्रीमियम सेगमेंट (50,000 रुपए-1,00,000 रुपए) के स्मार्टफोन का बाजार सालाना आधार पर 15 प्रतिशत बढ़ सकता है। वहीं, अपर-प्रीमियम सेगमेंट (1,00,000 रुपए और उससे अधिक) के स्मार्टफोन का बाजार सालाना आधार पर 167 प्रतिशत बढ़ सकता है। इसकी वजह फ्लैगशिप स्मार्टफोन की बढ़ती मांग है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम ने न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बल दिया है, बल्कि देश को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आईफोन का निर्यात इस बात का प्रमाण है कि भारत में निर्मित उत्पादों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार हुआ है।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

मेक इन इंडिया का आईफोन निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ा है?
मेक इन इंडिया कार्यक्रम ने आईफोन के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 75 प्रतिशत अधिक है।
भारत में आईफोन का निर्यात कितना है?
भारत से आईफोन का निर्यात अप्रैल-सितंबर अवधि में लगभग 10 अरब डॉलर या 88,500 करोड़ रुपए है।