क्या मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते टॉप 100 भारतीय कंपनियों का ब्रांड मूल्य 236.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया?

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क्या मजबूत अर्थव्यवस्था के चलते टॉप 100 भारतीय कंपनियों का ब्रांड मूल्य 236.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया?

सारांश

भारत की टॉप 100 कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य 236.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह वृद्धि मजबूत अर्थव्यवस्था और सकारात्मक नीतियों का परिणाम है। जानें, कौन से ब्रांड्स इस लिस्ट में शामिल हैं और उनकी वृद्धि की वजह क्या है।

Key Takeaways

  • टॉप 100 भारतीय कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य 236.5 बिलियन डॉलर है।
  • टाटा समूह सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड है।
  • इंफोसिस का ब्रांड मूल्य 16.3 बिलियन डॉलर है।
  • अदाणी समूह ने 82% की वृद्धि दर्ज की है।
  • भारत की सस्टेनेबिलिटी में टाटा समूह का प्रमुख योगदान है।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस) । मजबूत अर्थव्यवस्था और नीतियों के परिणामस्वरूप, टॉप 100 भारतीय कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य 2025 तक 236.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह जानकारी एक ताज़ा रिपोर्ट में प्रस्तुत की गई है।

ब्रांड फाइनेंस इंडिया 100 2025’ रैंकिंग के परिणाम स्थिर हैं, जो सभी क्षेत्रों में प्रमुख भारतीय ब्रांडों के लिए एक वर्ष में निरंतर लाभ को दर्शाते हैं।

टाटा समूह ने एक बार फिर भारत के सबसे मूल्यवान ब्रांड के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखा है, क्योंकि यह 30 बिलियन डॉलर की सीमा पार करने वाला पहला भारतीय ब्रांड बन गया है। इसका ब्रांड मूल्य 10 प्रतिशत बढ़कर 31.6 बिलियन डॉलर हो गया है।

दूसरे सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड के रूप में, इंफोसिस आईटी सेवा क्षेत्र में प्रमुख बना हुआ है, जिसका ब्रांड मूल्य 15 प्रतिशत बढ़कर 16.3 बिलियन डॉलर हो गया है।

एचडीएफसी समूह का ब्रांड मूल्य 37 प्रतिशत बढ़कर 14.2 बिलियन डॉलर हो गया, जो रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है। एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय के बाद इसने वित्तीय सेवा क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।

चौथे स्थान पर एलआईसी ने शानदार वृद्धि दर्ज की, जिसका ब्रांड मूल्य 35 प्रतिशत बढ़कर 13.6 बिलियन डॉलर हो गया है।

इसके बाद एचसीएलटेक आठवें स्थान पर है, जो 2024 से एक रैंक ऊपर है। इसका ब्रांड मूल्य 17 प्रतिशत बढ़कर 8.9 बिलियन डॉलर हो गया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि लार्सन एंड टुब्रो ग्रुप का ब्रांड मूल्य 3 प्रतिशत बढ़कर 7.4 बिलियन डॉलर हो गया, जिसके साथ ग्रुप ने हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग पर बढ़ते जोर के साथ-साथ रिन्यूएबल और सेमीकंडक्टर में विविधीकरण के साथ नौवें सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है।

टॉप 10 में शामिल महिंद्रा समूह का ब्रांड मूल्य 9 प्रतिशत बढ़कर 7.2 बिलियन डॉलर हो गया है। महिंद्रा समूह ने टेक और इंजीनियरिंग नवाचार के साथ मजबूत गति बनाए रखी है।

अदाणी समूह इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाले भारतीय ब्रांड के रूप में उभरा, जिसका ब्रांड मूल्य 82 प्रतिशत बढ़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की वृद्धि का श्रेय इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करने, ग्रीन एनर्जी महत्वाकांक्षाओं में वृद्धि और प्रमुख हितधारकों में बढ़ी हुई ब्रांड इक्विटी को जाता है।

भारत के सस्टेनेबिलिटी नेतृत्व को भी मान्यता मिलती है। टाटा समूह के पास भारतीय ब्रांडों में सबसे अधिक सस्टेनेबिलिटी परसेप्शन वैल्यू (एसपीवी) है, जो 4.3 बिलियन डॉलर है, जबकि इंफोसिस के पास सबसे अधिक पॉजिटिव सस्टेनेबिलिटी गैप वैल्यू 115 मिलियन डॉलर है।

Point of View

मुझे यह कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में मजबूत विकास दिखाया है। टॉप 100 भारतीय कंपनियों का ब्रांड मूल्य न केवल आर्थिक स्थिति का संकेत है, बल्कि यह हमारे देश की भविष्य की संभावनाओं को भी दर्शाता है। हमें गर्व है कि हमारे देश के ब्रांड वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

टॉप 100 भारतीय कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य कितना है?
टॉप 100 भारतीय कंपनियों का सामूहिक ब्रांड मूल्य 236.5 बिलियन डॉलर है।
सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड कौन सा है?
सबसे मूल्यवान भारतीय ब्रांड टाटा समूह है, जिसका ब्रांड मूल्य 31.6 बिलियन डॉलर है।
इंफोसिस का ब्रांड मूल्य कितना है?
इंफोसिस का ब्रांड मूल्य 16.3 बिलियन डॉलर है।
अदाणी समूह की वृद्धि का कारण क्या है?
अदाणी समूह की वृद्धि का श्रेय इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी में वृद्धि को जाता है।
भारत के सस्टेनेबिलिटी नेतृत्व में कौन सा ब्रांड सबसे आगे है?
टाटा समूह भारतीय ब्रांडों में सबसे अधिक सस्टेनेबिलिटी परसेप्शन वैल्यू रखता है।