क्या वैश्विक स्तर पर बदल रही स्थिति के कारण चांदी में गिरावट आ सकती है?

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क्या वैश्विक स्तर पर बदल रही स्थिति के कारण चांदी में गिरावट आ सकती है?

सारांश

चांदी की कीमतों में गिरावट के संभावित कारणों पर चर्चा करते हुए, यह लेख वैश्विक आपूर्ति के प्रभाव को उजागर करता है। क्या यह गिरावट दीर्घकालिक है या अस्थायी? जानें इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • चांदी की कीमतों में गिरावट की संभावना है।
  • वैश्विक आपूर्ति बढ़ने से कीमतों पर असर पड़ा है।
  • धनतेरस पर 35-40 प्रतिशत बिक्री में वृद्धि हुई।
  • एलबीएमए ने अतिरिक्त मात्रा बाजार में उतारी है।
  • सौर उद्योग की मांग ने चांदी की आपूर्ति को प्रभावित किया है।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चांदी की कीमतों में आने वाले समय में और गिरावट आने की संभावना है। इसका कारण वैश्विक बाजारों में आपूर्ति का बढ़ना है।

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के प्रवक्ता कुमार जैन ने कहा कि पिछले हफ्ते बड़ी गिरावट के बाद चांदी की कीमतों में और कमी आ सकती है। यह वैश्विक बाजारों में अधिक आपूर्ति के कारण है।

जैन ने बताया कि अधिकांश भारतीय बाजार चांदी को लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) से खरीदते हैं। यहां से चांदी की आपूर्ति की जाती है और कीमतों की निगरानी की जाती है।

दीपावली के अवसर पर चांदी की कीमतें पहले ही 6 प्रतिशत से अधिक गिर चुकी हैं और वर्तमान में चांदी की कीमत लगभग 1.60 लाख रुपए प्रति किलो है।

धनतेरस पर भारत में ज्वेलरी की बिक्री में 35-40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। वहीं, सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण लोग चांदी खरीदने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मांग को ध्यान में रखते हुए, एलबीएमए ने बाजार में चांदी की अतिरिक्त मात्रा उपलब्ध कराई है, जिससे भविष्य में सोने की कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है।

जैन ने कहा कि धनतेरस के बाद चांदी की मांग में कमी आई है, जिससे कीमतों में और कमजोरी देखने को मिल सकती है।

धनतेरस के दौरान भारत में 36,000 करोड़ रुपए मूल्य के सोने और चांदी की बिक्री हुई, लेकिन अब त्योहारी मांग कम हो गई है।

इसके अलावा, वैश्विक चांदी बाजार गंभीर संरचनात्मक समस्याओं का सामना कर रहा है। पिछले पांच वर्षों से, खदानों और रीसाइक्लिंग स्रोतों से आपूर्ति मांग से कम रही है, जिसका मुख्य कारण सौर उद्योग में चांदी की बढ़ती मांग है।

सिल्वर इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2021 के बाद से मांग आपूर्ति से 678 मिलियन औंस अधिक हो गई है, जबकि लंदन में कुल इन्वेंट्री 2021 की शुरुआत में लगभग 1.1 बिलियन औंस से गिर गई है।

इस साल यह गैप और बढ़ गया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी टैरिफ से चांदी के व्यापार पर असर डालने की आशंका जताई गई।

Point of View

जो न केवल निवेशकों को प्रभावित करता है, बल्कि आम जनता की खरीदारी की शक्ति पर भी असर डालता है। हमें इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

चांदी की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण क्या है?
चांदी की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में आपूर्ति का बढ़ना है।
धनतेरस पर चांदी की बिक्री में कितनी वृद्धि हुई?
धनतेरस पर चांदी की बिक्री में 35-40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
क्या चांदी की मांग में कमी आएगी?
धनतेरस के बाद चांदी की मांग में कमी आ सकती है, जिससे कीमतों में कमजोरी देखने को मिल सकती है।