क्या सरकार उपभोक्ताओं के अधिकारों का उल्लंघन करने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सख्त कार्रवाई करेगी? : प्रल्हाद जोशी

सारांश
Key Takeaways
- उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए कड़ी कार्रवाई।
- अनुचित शुल्कों की जांच और निगरानी।
- पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कदम।
- जीएसटी के लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचाना।
- खरीदारों का शोषण रोकने के लिए डार्क पैटर्न की पहचान।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को बताया कि उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले और कैश-ऑन-डिलीवरी (सीओडी) के लिए अतिरिक्त शुल्क जैसे अनुचित शुल्क लेने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की प्रथाएँ “डार्क पैटर्न” के समान हैं, जो खरीदारों का शोषण करती हैं और निष्पक्ष व्यापार सिद्धांतों के खिलाफ हैं।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक उपयोगकर्ता की पोस्ट के जवाब में आया, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट द्वारा ऑफर हेंडलिंग फीस, पेमेंट हेंडलिंग फीस और प्रोटेक्ट प्रॉमिस जैसी कई फीस वसूलने का उल्लेख किया गया था।
जोशी ने कहा कि उपभोक्ता मामलों के विभाग को पहले ही सीओडी शुल्क के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं और उन्होंने एक विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने आगे कहा, “प्लेटफॉर्म की बारीकी से जांच की जा रही है और उपभोक्ता अधिकारों के किसी भी उल्लंघन पर भारत के बढ़ते ई-कॉमर्स क्षेत्र में पारदर्शिता सुनिश्चित करने तथा निष्पक्ष व्यवहार बनाए रखने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
विभाग न केवल अनुचित शुल्कों की निगरानी कर रहा है, बल्कि इस बात पर भी ध्यान दे रहा है कि ये कंपनियाँ वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लाभ उपभोक्ताओं तक कैसे पहुंचाती हैं।
इससे पहले, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने गुरुवार को बताया कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक जीएसटी से संबंधित 3,981 प्रश्नों और शिकायतों का समाधान किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सीसीपीए शिकायतों पर कड़ी नजर रख रहा है और पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहा है, साथ ही उपभोक्ताओं को गलत सूचनाओं से बचा रहा है। यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि जीएसटी सुधारों का लाभ वास्तव में हर भारतीय तक पहुंचे।”
उन्होंने कहा कि जहाँ भी कर लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुँचते, वहाँ जीएसटी अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं।