क्या क्रिसमस से पहले भारत में बने रत्नों और आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी हुई है?

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क्या क्रिसमस से पहले भारत में बने रत्नों और आभूषणों की मांग में बढ़ोतरी हुई है?

सारांश

भारत में रत्नों और आभूषणों का निर्यात नवंबर में 19 प्रतिशत बढ़कर 2.52 बिलियन डॉलर हो गया है। इस वृद्धि का कारण क्रिसमस के लिए बढ़ती मांग है। जानिए इस क्षेत्र में मौजूदा रुझान और भविष्य की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • नवंबर में रत्नों और आभूषणों का निर्यात 19 प्रतिशत बढ़ा है।
  • क्रिसमस की मांग ने निर्यात को प्रभावित किया है।
  • लैब में उत्पादित हीरे की मांग में वृद्धि हुई है।
  • सोने और चांदी के आभूषणों का निर्यात भी बढ़ा है।
  • यह रुझान भारतीय उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में निर्मित रत्नों और आभूषणों का निर्यात नवंबर में 19 प्रतिशत बढ़कर 2.52 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष यह 2.09 बिलियन डॉलर था। इसके पीछे मुख्य कारण तराशे और पॉलिश किए गए हीरे, सोना, चांदी और प्लैटिनम के आभूषणों की बढ़ती मांग है।

इस वर्ष नवंबर में निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि का कारण पिछले साल का कम आधार है। पिछले साल दीपावली के कारण कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बंद रहीं।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अमेरिका और चीन में क्रिसमस की मजबूत मांग के चलते निर्यात में तेजी आई है।

अप्रैल-नवंबर की अवधि में निर्यात स्थिर रहा और यह 18.86 बिलियन डॉलर रहा, जबकि 2024 में यह 18.85 बिलियन डॉलर था।

अप्रैल-नवंबर के आंकड़ों से सीजनल मांग और वैश्विक बाजार के रुझानों के कारण धीरे-धीरे सुधार के संकेत मिल रहे हैं।

विश्लेषकों ने कहा है कि लैब में उत्पादित हीरे (एलजीडी) के आभूषणों की मांग में भी अच्छी वृद्धि देखी गई है। नवंबर में इनका निर्यात 10 प्रतिशत बढ़कर 76 मिलियन डॉलर हो गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर में यह 11 प्रतिशत घटकर 757 मिलियन डॉलर रह गया।

कट और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का निर्यात नवंबर में 38 प्रतिशत बढ़कर 919.74 मिलियन डॉलर हो गया। नवंबर में सोने के आभूषणों का निर्यात 1.21 बिलियन डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है।

जड़े हुए सोने के आभूषणों में सबसे अधिक वृद्धि देखी गई है, नवंबर में इनकी बिक्री 49.24 प्रतिशत बढ़कर 828 मिलियन डॉलर हो गई। सादे सोने के आभूषणों का निर्यात इस माह 42.17 प्रतिशत घटकर 390 मिलियन डॉलर रह गया, लेकिन अप्रैल-नवंबर की अवधि में इसमें 14.78 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 3.53 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में सोने की कीमतों में 44 प्रतिशत की वृद्धि ने इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया।

चांदी के आभूषणों की बिक्री नवंबर में 209 प्रतिशत बढ़कर 198 मिलियन डॉलर हो गई और अप्रैल-नवंबर की अवधि में यह 29.69 प्रतिशत बढ़कर 930 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

नवंबर में प्लैटिनम के आभूषणों का निर्यात लगभग दोगुना होकर 2024 के 15 मिलियन डॉलर से 30 मिलियन डॉलर हो गया।

Point of View

भारत में रत्नों और आभूषणों के निर्यात में बढ़ोतरी ने न केवल व्यापारिक संभावनाओं को बढ़ाया है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय उद्योग वैश्विक मांग के अनुरूप कैसे विकसित हो रहा है। यह विकास सभी के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत में रत्नों और आभूषणों का निर्यात किस कारण से बढ़ा है?
नवंबर में क्रिसमस की मांग में वृद्धि के कारण रत्नों और आभूषणों का निर्यात 19 प्रतिशत बढ़ा है।
इस वर्ष का निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में कैसे है?
पिछले वर्ष के 2.09 बिलियन डॉलर की तुलना में, इस वर्ष का निर्यात 2.52 बिलियन डॉलर रहा है।
क्या लैब में उत्पादित हीरे की मांग बढ़ी है?
हाँ, नवंबर में लैब में उत्पादित हीरे के आभूषणों का निर्यात 10 प्रतिशत बढ़कर 76 मिलियन डॉलर हो गया है।
सोने के आभूषणों का निर्यात कैसा रहा?
सोने के आभूषणों का निर्यात नवंबर में 1.21 बिलियन डॉलर रहा है, जो पिछले वर्ष के 1.23 बिलियन डॉलर से थोड़ा कम है।
चांदी के आभूषणों का निर्यात कैसे बढ़ा?
चांदी के आभूषणों की बिक्री नवंबर में 209 प्रतिशत बढ़कर 198 मिलियन डॉलर हो गई है।
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